इस रैली में पहले यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती के भाग लेने की संभावना थी, लेकिन अब ऐसा संभव होते नहीं दिख रहा है.
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कोलकाता : यूपी में महागठबंधन पूरी तरह से आकार नहीं ले पाया. बिहार में भी इस पर कई सवाल उठ रहे हैं. अब बंगाल में भी बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन सिर्फ अटकलों तक सीमित रह सकता है. 19 जनवरी को कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक महारैली करने जा रही हैं. इस रैली में पहले यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती के भाग लेने की संभावना थी, लेकिन अब ऐसा संभव होते नहीं दिख रहा है.
अब तृणमूल कांग्रेस की इस रैली में कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हो सकते हैं. खुद ममता बनर्जी ने इसकी तस्दीक की है. हालांकि पहले वह चाहती थीं कि उनकी इस रैली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हों. लेकिन इस पर दोनों ने सहमति नहीं दी है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से ममता बनर्जी ने कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बनाई उससे कांग्रेस आलाकमान खुश नहीं है.
इस रैली के जरिए ममता बनर्जी अपनी ताकत बंगाल से लेकर दिल्ली तक दिखाना चाहती हैं. लेकिन इससे कांग्रेस की एक तरह से दूरी दिखाना इस पर कई सवाल खड़े कर रही है. इससे पहले बंगाल कांग्रेस के नेता भी नहीं चाहते थे कि राहुल या सोनिया इस रैली में शामिल हों. वह चाहते थे कि राहुल गांधी खुद अपनी रैली करें.
अब इस रैली से मायावती भी दूरी बना रही हैं. हालांकि अभी तक इसके कारणों का खुलासा नहीं हुआ है. न ही ये पता चला है कि इस रैली में उनका कोई प्रतिनिधि शामिल होगा या नहीं. हालांकि ममता बनर्जी ने कहा है कि इस रैली में 20 विपक्षी नेता शामिल हो रहे हैं.
ये नेता आ सकते हैं रैली में
एचडी देवेगौड़ा, कुमारस्वामी, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, शरद पवार, बदरुद्दीन अजमल, एमके स्टालिन, अरुण शौरी, चंद्रबाबू नायडू, अजित सिंह, जयंत चौधरी, फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, शत्रुघ्न सिन्हा, बाबूलाल मरांडी, यशवंत सिन्हा, हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी.