कांग्रेस के मुताबिक, राहुल गांधी के निर्देश पर केरल से लगे राज्यों की पार्टी इकाइयों और भारतीय युवा कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता केरल में लगातार राहत कार्य में लगे हुए हैं.
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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को केरल के दो दिवसीय दौरे पर होंगे जहां वह बाढ़ प्रभावित इलाकों के राहत शिविरों में जाएंगे और लोगों की मदद कर रहे स्वयंसेवियों से मुलाकात भी करेंगे. केरल में भयावह बाढ़ को देखते हुए हाल ही में राहुल गांधी ने पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों को निर्देश दिया था कि अपना एक महीने का वेतन लोगों की मदद के लिए दें.
कांग्रेस के मुताबिक, राहुल गांधी के निर्देश पर केरल से लगे राज्यों की पार्टी इकाइयों और भारतीय युवा कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता केरल में लगातार राहत कार्य में लगे हुए हैं.
I will be in Kerala tomorrow & the day after, visiting flood hit areas & relief camps in the state. I will also meet with fishermen, volunteers & others who have been working tirelessly & selflessly to help those in need. #KeralaFloods
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 27, 2018
गांधी ने ट्वीट कर कहा,‘मैं कल और परसों केरल में रहूंगा. बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगा, राहत शिविरों में जाऊंगा और मछुआरों, जरूरतमंदों की नि:स्वार्थ भाव से मदद कर स्वयंसेवियों एवं अन्य लोगों से मुलाकात करूंगा.’
'चुनाव आयोग और न्यायपालिक को पहुंचाया जा रहा है नुकसान'
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में न्यायपालिका और चुनाव आयोग को नुकसान पहुंचाया जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के समक्ष उठ रहे इन गंभीर मुद्दों को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. लंदन में ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री यह कहकर हर एक भारतीय का अपमान करते हैं कि पिछले 70 वर्ष में कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा,‘भारत, विश्व को भविष्य दिखाता है. भारत के लोगों ने इसे मुमकिन किया और इसमें कांग्रेस ने मदद की है.’
राहुल ने कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री का कहना है कि उनके कार्यभार संभालने से पहले कुछ भी नहीं हुआ तो वह कांग्रेस पर टिप्पणी नहीं कर रहे, वह देश के हर एक व्यक्ति का अपमान कर रह हैं.’ उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में भारत में दलितों, किसानों, जनजातीय लोगों, अल्पसंख्यकों और गरीबों को कहा जाता है कि उन्हें कुछ नहीं मिलेगा और ‘आवाज उठाने पर उनकी पिटाई की जाती है.’उन्होंने कहा,‘अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम को नष्ट किया जाता रहा है और छात्रवृत्तियां भी बंद कर दी गयी हैं.'