प्लास्टिक प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और उन्हें दंडित करने के लिए रेलवे अधिकारियों को महाराष्ट्र पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मांगने के दो सप्ताह बाद भी कोई जवाब नहीं मिला है.
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नई दिल्ली : प्लास्टिक प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और उन्हें दंडित करने के लिए रेलवे अधिकारियों को महाराष्ट्र पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मांगने के दो सप्ताह बाद भी कोई जवाब नहीं मिला है. अधिकारियों ने कहा कि 23 जून को राज्य में प्लास्टिक प्रतिबंध लागू होने से कुछ दिन पहले मध्य रेलवे (सीआर) और पश्चिम रेलवे (डब्ल्यूआर) ने मंत्रालय के पास इस आशय का अनुरोध पत्र भेजा था.
रेल अधिकारियों को है अनुमति का इंतजार
सेंट्रल रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा , ‘‘ हमने पर्यावरण मंत्रालय से प्लास्टिक प्रतिबंध के क्रियान्वयन के लिए नामित विभागों की सूची में रेलवे को शामिल करने का अनुरोध किया था ताकि हम उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई कर पाएं. हमने प्रतिबंध लागू होने से कुछ दिन पहले यह अनुरोध किया था. निवेदन में रेलवे अधिकारियों ने प्रतिबंधित प्लास्टिक के सामानों की सूची और प्रतिबंध लागू करने के दिशा - निर्देशों की मांग की गई थी. पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि हम अपने परिसर में प्रतिबंध लागू करने के लिए अब भी सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
महाराष्ट्र में प्लास्टिक पर लगी है रोक
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने 23 जून को प्लास्टिक के सामान पर रोक लगा दी थी. प्रतिबंध के बावजूद इनका इस्तेमाल करने पर पहली बार पांच हजार रुपये , दूसरी बार 10 हजार रुपये और तीसरी बार 25 हजार रुपये तथा तीन माह करावास तक की सजा दी मिल सकती है.