रेल मंत्री के इस ऐलान से खुश हो जाएंगे आप, रेलवे स्टेशनों को लेकर कही यह बात
रेलवे स्टेशनों (Railway Stations) में कुछ बड़े बदलाव होने जा रहे हैं जिनके बारे में जानकर निश्चित तौर पर आप खुश हो जाएंगे. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने बताया कि रेलवे पर्यटन स्थलों के स्टेशनों (Tourist Destination Stations) का पुनर्विकास (Redevelopment) करने में जुटा हुआ है.
नई दिल्ली: रेल मंत्रालय (Ministry Of Railways) ने रेलवे स्टेशनों का तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन (Techno-Economic Feasibility Study) कराकर प्रमुख पर्यटन स्थलों (Major Tourist Destinations) में स्थित स्टेशनों (Stations) को विकसित करने की योजना बनाई है.
राज्य सभा में बताया रेल मंत्रालय का प्लान
रेल, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने शुक्रवार को राज्य सभा (Rajya Sabha) में कहा कि रेल मंत्रालय विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से रेलवे स्टेशनों (Railway Stations) का टेक्नो-इकोनॉमिक फीजेबिलिटी स्टडी कर रहा है. इन फीजेबिलिटी स्टडी के परिणामों (Results) के आधार पर स्टेशनों को चरणों में विकसित करने की योजना बनाई गई है. बता दें कि विशेष रूप से प्रमुख शहरों और महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में स्थित स्टेशनों को पुनर्विकसित (Redeveloped) किया जाएगा.
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प्रस्तावित सुविधाओं में क्या-क्या शामिल?
पश्चिम रेलवे के तहत गांधीनगर राजधानी (Gujarat) और पश्चिम मध्य रेलवे के तहत रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Madhya Pradesh) को चालू किया गया है. दक्षिण पश्चिम रेलवे के अंतर्गत सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल (Bangalore) चालू होने के लिए तैयार है. एक विकसित स्टेशन में प्रस्तावित सुविधाओं में स्टेशन परिसर में भीड़-भाड़ मुक्त गैर-विरोधी प्रवेश-निकास, यात्रियों के आगमन-प्रस्थान को अलग करना, शहर के दोनों किनारों और परिवहन प्रणालियों (Transportation Systems) के अन्य साधनों के साथ एकीकरण (Integration) शामिल हैं.
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बड़े पैमाने पर विकास की तैयारी
इसमें बस-मेट्रो (Bus-Metro) समेत जहां भी संभव हो वहां उपयोगकर्ता के अनुकूल अंतरराष्ट्रीय साइनेज (International Signage), अच्छी तरह से प्रकाशित परिसंचारी क्षेत्र और ड्रॉप-ऑफ (Drop-Off), पिक-अप और पार्किंग आदि के लिए पर्याप्त प्रावधान (Provision) होंगे. इस पैमाने पर रेलवे स्टेशनों का विकास (Development) अपनी तरह का पहला और कॉम्प्लेक्स नेचर वाला है. विस्तृत टेक्नो-इकोनॉमिक फीजेबिलिटी स्टडी और शहरी व स्थानीय निकायों (Urban And Local bodies) आदि से विभिन्न वैधानिक मंजूरी (Statutory Approval) की आवश्यकता है.
(इनपुट - आईएएनएस)
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