माल भाड़े के रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए रेलवे ने पहली बार असम से अरुणाचल भेजी ये चीज
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माल भाड़े के रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए रेलवे ने पहली बार असम से अरुणाचल भेजी ये चीज

रेलवे ने इसके लिए कंपिनयों को कई फायदे देने की बात कही है जिससे ज्यादा से ज्यादा कंपनियां देश में माल पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन के इस माध्यम को चुनें. 

माल भाड़े के रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए रेलवे ने पहली बार असम से अरुणाचल भेजी ये चीज

नई दिल्ली: माल भाड़े से मिलने वाले रेवेन्यू को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने अनूठी कोशिश की है. इसके तहत पहली बार असम से अरुणाचल प्रदेश तक पेप्सी की बोतलें ट्रांसपोर्ट की गईं. 

माल भाड़े की आमदनी को बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे ने नेशनल ट्रांसपोर्टेशन में देश की एक लोकेशन से दूसरे लोकेशन तक ट्रांसपोर्ट की जाने वाली चीजों में नई चीजों को जोड़ा है. इसके तहत स्मॉल स्केल कॉमोडटीज को रखा गया है और इनके प्रभावी और तेज ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था की गई है. इस तरह स्मॉल स्केल कॉमोडटीज के लिए रेलवे ने नए रास्ते खोले हैं. 

15 अगस्त को पहली बार इसके तहत पेप्सी की बोतलें ट्रांसपेार्ट की गईं. इन्हें 5 पार्सल वैन्स में असम के अजारा स्टेशन से अरुणाचल प्रदेश के नहरलागुन स्टेशन भेजा गया.

रेलवे ने इसके लिए कंपिनयों को कई फायदे देने की बात कही है जिससे ज्यादा से ज्यादा कंपनियां देश में माल पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन के इस माध्यम को चुनें. इसके तहत माल भाड़े की कम दरें और फिक्स्ड टाइम में​ डिलिवरी जैसी बातें शामिल हैं.

बता दें कि हाल में रेलवे ने किसान स्पेशल गाड़ियों की भी शुरुआत की थी जिनका मकसद कृषि उत्पादों को सस्ती दरों में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना था. रेलवे का मकसद किसानों और कृषि क्षेत्र को मदद पहुंचाना था. 

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