एक औरत को अगवा करना मुगलों को पड़ा भारी, एक जाट योद्धा ने अकबर की हड्डियां खोदकर जला दिया था
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एक औरत को अगवा करना मुगलों को पड़ा भारी, एक जाट योद्धा ने अकबर की हड्डियां खोदकर जला दिया था

Raja Ram Jaat: राजाराम जाट के नाम से ही मुगल खौफ खाते थे. उन्हें डर रहता था कि राजाराम जाट की सेना कहीं अचनाक उनपर हमला न कर दे. यहां तक की उन्होंने क्रूर शासक औरंगजेब को धूल चटाई है. 

एक औरत को अगवा करना मुगलों को पड़ा भारी, एक जाट योद्धा ने अकबर की हड्डियां खोदकर जला दिया था

Raja Ram Jaat: मुगलों ने भारत पर कई सालों तक राज किया. इस दौरान भारत को उनके अत्याचारों का भी सामना करना पड़ा, हालांकि इन अत्याचारी मुगलों को भारतीय राजाओं ने भी खूब मजा चखाया है. इनमें एक नाम भरतपुर के राजा का भी आता है. राजाराम जाट के नाम से ही मुगल बादशाह कांपने लगते थे. यहां तक की उन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब को तक धूल चटाई है. 

लालबेग को मार गिराया 
राजस्थान के भरतपुर में आऊ नाम का एक गांव था, जहां करीब 2,00,000 रुपए सालाना वसूली के लिए चौकी बनाई गई थी. यहां लालबेग नाम का एक चौकी अधिकारी था. इसने गांव के कुएं में पानी पीने आए एक व्यक्ति की पत्नी पर बुरी नजर डाली. लालबेग ने उसे अपने हरम में रख लिया था. भरतपुर के जाट राजा राजाराम को इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने युद्ध के लिए सेना को तैयार किया और लालबेग को भीषण लड़ाई में मार गिराया. 

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कौन थे राजाराम जाट? 
हैनसेन और वाल्डेमर की किताब The Peacock Throne: The Drama of Mogul India में राजाराम जाट के बारे में बताया गया है कि उन्होंने भारत में मुगलों के अत्याचारों के खिलाफ मोर्चा खोला था. उनके पिता भज्जासिंह थे और वह सिनसिनवार जाटों के सरदार थे. बताया जाता है कि उन्होंने सिनसिनवारों और चाहर नाम के जाटों के 2 प्रमुख कबीलों को आपस में मिलाया था. राजाराम की सेना हमेशा उनकी आज्ञा मानने के लिए तैयार रहती थी. 

मुगलों में पैदा हुआ खौफ 
राजाराम ने अपनी सेना को ऐसी ट्रेनिंग दी थी कि उन्हें जहां भी मुगल दिखते थे वे उन्हें तुरंत मार डाल देते थे. इस चक्कर में मुगल जाटों से खौफ खाने लगे थे. मुगलों का जब भी भरतपुर के जंगलों से कारवां निकलता था तो उन्हें राजाराम के सैनिकों के हमले का डर रहता था. 

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औरंगजेब की नाक में दम किया 
राजाराम जाट ने मरते दम तक औरंगजेब की नाक में दम कर दिया था. उन्होंने इतालवी यात्री मनूची की एक पुस्तक के मुताबिक साल 1688 में राजाराम जाट ने आगरा के पास स्थित सिकंदरा में मुगलों पर आक्रमण कर 400 मुगल सैनिकों को काट फेंका था. कहा जाता है कि उन्होंने अकबर और जहांगीर की कब्र खोदकर उनकी हड्डियां बाहर निकाली और उन्हें जलाकर राख कर दिया था. 4 जुलाई साल 1688 में चौहानों और शेखावत के बीच हुई एक जंग में एक मुगल सैनिक ने राजारम जाट पर पीछे से वार किया था. इसमें वह शहीद हो गए थे. कहा जाता है कि मरने के बाद राजाराम जाट के सिर को औरंगजेब के दरबार में पेश किया गया था. बता दें कि राजाराम ने औरंगजेब के चाचा जफरजंग, उसके बेटे शाहजादा आजम और आजम के बेटे बीदरबख्त को जंग में धूल चटाई थी. 

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