Rajasthan Political Crisis: 'विधायक मुझे अभिभावक मानते हैं, उन्होंने जनादेश बचाने में दिया सहयोग'; सियासी संकट पर बोले CM गहलोत
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Rajasthan Political Crisis: 'विधायक मुझे अभिभावक मानते हैं, उन्होंने जनादेश बचाने में दिया सहयोग'; सियासी संकट पर बोले CM गहलोत

Rajasthan News: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने खुद को कांग्रेस (Congress) के सभी विधायकों (MLA's) का अभिभावक करार दिया है. ऐसे में राजस्थान की राजनीति के जादूगर के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

Rajasthan Political Crisis: 'विधायक मुझे अभिभावक मानते हैं, उन्होंने जनादेश बचाने में दिया सहयोग'; सियासी संकट पर बोले CM गहलोत

Ashok Gehlot Statement: गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के मौके पर राजस्थान (Rajasthan) के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने हाल ही में हुए राज्य के सियासी घटनाक्रम (Rajasthan Political Crisis) पर एक बार फिर से खुलकर अपनी बात रखी है. पत्रकारों से बातचीत में सीएम गहलोत ने क्या कहा आइए जानते हैं.

गहलोत का बड़ा बयान क्या आलाकमान को चुनौती?

राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा, 'देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि ये परिस्थिति बनी कि कोई चुना हुआ मुख्यमंत्री किसी दूसरे पद पर जाने की तैयारी कर रहा है. स्वाभाविक तौर पर कुछ विधायकों का नए मुख्यमंत्री के प्रति झुकाव होता है क्योंकि उन्हें मंत्री बनना होता है, या फिर नए पदों पर जाना होता है लेकिन राजस्थान के विधायकों ने नया सीएम चुनने की बजाय मेरा साथ दिया यह बहुत बड़ी बात है.'

विधायकों ने बचाया जनादेश: गहलोत

सीएम गहलोत ने कहा, 'राजस्थान के सियासी इतिहास में सबसे बड़े क्राइसिस में 102 विधायकों और जनता ने सरकार को बचाने में बड़ा योगदान दिया है हाल ही में जो घटनाक्रम हुआ है वो एक केस स्टडी है. जिसका अध्ययन होना चाहिए. हालांकि मेरे लिए ये बहुत दुखदायी घटनाक्रम है कि मैं विधायक दल का नेता होने के बावजूद आलाकमान का एक लाइन का प्रस्ताव पास न करा सका. लेकिन ऑब्ज़र्वर को भी ये समझना चाहिए कि वे आलाकमान के बिहाफ पर आते हैं. उनका पद बड़ा होता है. उन्हें व्यक्तित्व के हिसाब से व्यवहार करना चाहिए. राजस्थान के विधायकों ने मेरी बात को अनसुना कर दिया. PCC अध्यक्ष ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन फिर भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां हालात क्या है. दरअसल जिन विधायकों ने सरकार को गिराने की कोशिश की उनके साथ बहुमत नहीं था. कुल 102 विधायकों में से हो सकता है कुछ विधायक मेरे खिलाफ बयान दे रहे हों लेकिन इसके बावजूद मैं उनका एहसानमंद हूं कि वो कांग्रेस की सरकार बचाने में मेरे साथ खड़े रहे. होटल के बाहर निकलने के लिए 10 करोड़ का ऑफर था लेकिन उसके बावजूद वो डटे रहे. उसके बाद तो ऑफर बीस से चालीस करोड़ तक पहुंच गया लेकिन बीजेपी के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाये.'

कांग्रेस मजबूत होनी चाहिए: गहलोत

अपने बयान में गहलोत ने ये भी कहा, 'मैंने अपनी भावना पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को बता दी है उनका व्यक्तित्व बहुत बड़ा है. जिस तरीके से उन्होंने अपना जीवन जिया है वो एक मिसाल है. कोई भी फैसला करने का अधिकार केवल आलाकमान को है. मैंने उन्हें अगस्त में ही कह दिया था राजस्थान में हमारा मकसद केवल कांग्रेस की सरकार को रिपीट करवाना है भले ही मैं मुख्यमंत्री रहूं या कोई और बने लेकिन कांग्रेस की सरकार फिर से सत्ता में लौटनी चाहिए.'

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