लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राज्य में कांग्रेस में जारी अंतर्कलह के बीच प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने बुधवार को अशोक गहलोत का बचाव किया.
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जयपुर: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राज्य में कांग्रेस में जारी अंतर्कलह के बीच प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने बुधवार को अशोक गहलोत का बचाव किया. उन्होंने राज्य में पार्टी नेतृत्व में किसी बदलाव से इनकार किया. यह पूछे जाने पर कि क्या कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया ने इस्तीफा दे दिया है, इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि कांग्रेस ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. हालांकि आज का समय काफी अलग है क्योंकि बीजेपी धर्म और जातिवाद का मुद्दा उछालकर लोगों का ध्यान भटका रही है.
गहलोत ने कहा, "बीजेपी चुनाव में सेना के पराक्रम के जरिये लोगों को मूर्ख बना रही है. हमें चुनाव में हार मिली है लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में हमने सक्रिय रूप से लोगों को जनता को लाभ पहुंचाने के लिए काम किया. हमें संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने के लिए काम करने की जरूरत है. यह किसी व्यक्ति के खिलाफ लड़ाई नहीं है बल्कि विचारधारा की लड़ाई है."
राहुल से पार्टी अध्यक्ष बने रहने का आग्रह
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (आरपीसीसी) ने एक प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह पार्टी अध्यक्ष बने रहें. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने प्रस्ताव पांडेय ने पेश किया और गहलोत व पायलट ने उसका समर्थन किया. प्रस्ताव में आरपीसीसी ने कहा है कि वह इस तरह के जनादेश के लिए जिम्मेदार सभी चुनौतियों, विफलताओं और कमियों को स्वीकार करती है.
राज्य कार्यकारिणी के सभी सदस्य आत्ममंथन कर कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी के सांगठनिक ढांचे को नया रूप देने के लिए अधिकृत करते हैं. गांधी ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस कार्यकारिणी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में 25 मई को इस्तीफे की पेशकश की थी, जिसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया था और हर स्तर पर पार्टी में आमूलचूल बदलाव करने और उसे नया रूप देने के लिए उन्हें अधिकृत किया गया था.