पाकिस्तान सीमा से सिर्फ 40KM दूर भारत का शक्ति प्रदर्शन, हाईवे पर उतारे लड़ाकू विमान
Indian Air Force emergency Field Landing: पाकिस्तान सीमा से सिर्फ 40 किलोमीटर दूरी पर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के सुखोई और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों ने अपना दम दिखाया और हाईवे पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग की.
बाड़मेर: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राजस्थान के बाड़मेर के गंधव-बाखासर खंड में नेशनल हाईवे-925 पर बने 'इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ELF)' का गुरुवार को उद्घाटन किया. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से सटी सीमा पर अपना शक्ति प्रदर्शन किया और हाईवे पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग की. पाक सीमा से सिर्फ 40 किलोमीटर दूरी पर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के सुखोई और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों ने अपना दम दिखाया.
हाईवे पर ही उतरा राजनाथ सिंह-नितिन गडकरी का विमान
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय वायुसेना के स्पेशल विमान से यहां पहुंचे थे, जिसकी लैंडिंग इसी एयर स्ट्रिप पर की गई थी. एनएच-925 भारत का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिसका इस्तेमाल वायुसेना के विमानों को आपात स्थिति में उतारने के लिए किया जाएगा.
19 महीने में हुआ 3 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का निर्माण
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने भारतीय वायु सेना के लिए आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के लिए एनएच-925ए के सट्टा-गंधव खंड के तीन किलोमीटर के हिस्से पर इस आपातकालीन पट्टी का निर्माण किया है. ईएलएफ (ELF) को निर्माण 19 महीने के अंदर पूरा किया गया है. इसका निर्माण कार्य जुलाई 2019 में शुरू किया गया था और जनवरी 2021 में यह तैयार हो गया था. आईएएफ और एनएचएआई की देखरेख में 'जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' ने इसका निर्माण किया है.
तीन हेलीपैड का भी किया गया है निर्माण
इस परियोजना में आपातकालीन लैंडिंग पट्टी के अलावा कुंदनपुरा, सिंघानिया और बाखासर गांवों में वायु सेना/भारतीय सेना की आवश्यकताओं के अनुसार तीन हेलीपैड (प्रत्येक का आकार 100 x 30 मीटर) का निर्माण किया गया है, जो पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सेना और सुरक्षा नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण का आधार होगा.
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर की गई थी मॉक लैंडिंग
अक्टूबर 2017 में, भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लड़ाकू और परिवहन विमानों ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर मॉक लैंडिंग की थी ताकि यह दिखाया जा सके कि ऐसे हाईवे का उपयोग वायुसेना के विमानों द्वारा आपात स्थिति में उतरने के लिए किया जा सकता है. बता दें कि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं है और उत्तर प्रदेश सरकार के तहत आता है.
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