कोटा यूनिट के ओबीसी विंग के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने पार्टी अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कहा, ''एक फरवरी को उपचुनावों के नतीजों ने पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं को निराश किया है. हालांकि हमारे जैसे कुछ कार्यकर्ता पहले से ही जानते थे कि ये नतीजे हमारे पक्ष में नहीं आएंगे. दरअसल मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कार्यशैली से लोग खुश नहीं हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा हुआ है.''
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नई दिल्ली: राजस्थान में अलवर, अजमेर लोकसभा समेत कुल तीन सीटों पर हुए उपचुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ बगावती तेवर उभरने लगे हैं. बीजेपी की कोटा यूनिट के ओबीसी विंग के अध्यक्ष ने हार के बाद पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को हटाने की मांग की है. हालांकि जिलाध्यक्ष ने सीएम राजे के समर्थन की बात कही है. इस तरह कोटा यूनिट नेतृत्व की क्षमताओं को लेकर विभाजित हो गई है.
कोटा यूनिट के ओबीसी विंग के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने पार्टी अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कहा, ''एक फरवरी को उपचुनावों के नतीजों ने पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं को निराश किया है. हालांकि हमारे जैसे कुछ कार्यकर्ता पहले से ही जानते थे कि ये नतीजे हमारे पक्ष में नहीं आएंगे. दरअसल मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कार्यशैली से लोग खुश नहीं हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा हुआ है.''
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प्रदेश अध्यक्ष पर कसा तंज
अशोक चौधरी ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी पर भी निशाना साधा. अशोक चौधरी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री के 'गुलाम' की तरह काम कर रहे हैं. अशोक चौधरी ने लिखा, ''प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी मुख्यमंत्री के गुलाम की तरह काम कर रहे हैं. उन्होंने राज्य में पार्टी संगठन को बहुत नुकसान पहुंचाया है. उनकी संगठन पर पकड़ भी कमजोर हो गई है. उनकी कार्यशैली से पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी संतुष्ट नहीं हैं.'' उन्होंने वसुंधरा राजे पर आरोप लगाते हुए कि वह नौकरशाहों के चक्रव्यूह में फंस गई हैं और जिस दिशा में पार्टी को ले जा रही हैं, वहां पर हार मिलना तय है.
कोटा जिलाध्यक्ष का बयान
इसके उलट बीजेपी के कोटा जिलाध्यक्ष हेमंत विजय ने मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा, ''वसुंधरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान ने विकास की जबर्दस्त ऊंचाईयों को छुआ है. इसी तरह प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के नेतृत्व में संगठन मजबूत हुआ है. अशोक चौधरी ने बाद में मुझे बताया कि उन्होंने पत्र लिखना उनकी गलती थी और उम्मीद है कि वह इसे वापस ले लेंगे.''
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'मिनी इलेक्शन'
उल्लेखनीय है कि सत्ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाले इन उपचुनावों में कांग्रेस ने जबर्दस्त सफलता हासिल की है. इसी साल के अंत में राज्य में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इस लिहाज से इन उपचुनावों को सेमीफाइनल करार दिया जा रहा था. कांग्रेस के उम्मीदवारों रघु शर्मा और करण सिंह यादव ने क्रमश: अजमेर और अलवर लोकसभा उपचुनावों में जीत हासिल की. इसी तरह मांडलगढ़ विधानसभा उपचुनावों में भी कांग्रेस ने बीजेपी को हराया.