डूंगरपुर: जिला पुलिस ने ऑपरेशन आशा (Operation Asha) अभियान के तहत बालश्रम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. रतनपुर बॉर्डर पर बालश्रम (Child Labour) के खिलाफ पुलिस, चाइल्ड लाइन और मानव तस्करी विरोधी यूनिट ने संयुक्त रूप से कार्रवाई को अंजाम दिया. टीम ने रतनपुर बॉर्डर से गुजरात जा रहे 17 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया.
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष भरत भट्ट ने बताया कि सवारी जीप और बसों के माध्यम से बाल श्रमिकों के गुजरात पलायन की सूचना मिली थी. इसी पर संयुक्त टीम ने रतनपुर बॉर्डर पर नाकेबंदी कर वाहनों की जांच की तो बाल श्रमिकों को ले जाए जाने की बात साफ हुई. इस दौरान टीम ने अलग-अलग वाहनों से मजदूरी के लिए गुजरात ले जाए जा रहे 17 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है.
टीम ने सभी बाल श्रमिकों को जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया, जहां से बाल श्रमिकों को संप्रेषण गृह भेजने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सभी बाल श्रमिकों के अभिभावकों को बुलवाया गया है. परिजनों के आने के बाद उनसे काउंसलिंग की जाएगी. काउंसलिंग में परिजनों को बच्चों से बालश्रम नहीं करवाने और उन्हें स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाएगा, वहीं भरत भट्ट ने बताया कि बच्चों से काउंसलिंग के दौरान नियुक्ताओं के बारे में भी जानकारी ली जाएगी और नाम सामने आने पर उनके खिलाफ जेजे एक्ट में कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
कब कितने रहे बाल श्रमिकों के आंकड़े
आपको बता दें कि 2011 की जनगणना के मुताबिक, भारत में बाल मजदूरों की संख्या 5 से 14 वर्ष की आयु के बीच 8.22 मिलियन थी. यह आंकड़ा सुधार का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि वर्षों में संख्या में गिरावट आई है. 1991 में भारत में 11.28 मिलियन बाल मजदूर थे और 2001 की जनगणना के अनुसार 12.59 मिलियन बाल मजदूर थे. भारत में बाल श्रम से संबंधित कानून कड़े कार्यान्वयन के चरण तक नहीं पहुंच पाए हैं.
संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन पर बाल अधिकार (यूएनसीआरसी) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईओएल) एक बच्चे को 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है. यूएनसीआरसी का अनुच्छेद 32 किसी बच्चे के संरक्षित होने का अधिकार पहचानता है. आर्थिक शोषण से और किसी भी काम को करने से हानिकारक होने या बच्चे की शिक्षा में हस्तक्षेप करने या बच्चे के स्वास्थ्य या शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, नैतिक या सामाजिक विकास के लिए हानिकारक होने की संभावना है.
Edited by : Ashish Chaubey, News Desk