जयपुर: बीजेपी (BJP) में अब तक धुर विरोधी माने जा रहे दो विरोधी दलों के रूप में माने जा रहे सतीश पूनिया (Satish Poonia) और वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) एक साल बाद पार्टी की आधिकारिक बैठक में एक टेबल पर होंगे. बीजेपी ने 2 दिन पहले कोर कमेटी (BJP core committee) का गठन किया और आज कोर ग्रुप की बैठक बुलाई है. दोपहर 4 बजे प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में यह बैठक होगी. इस बैठक से ज्यादा सभी को इस बात का उत्सुकता से इंतजार है कि सतीश पूनिया और वसुंधरा राजे का आमना-सामना होने पर क्या दोनों में बातचीत होगी और अगर होगी तो दोनों का रवैया किस तरह का रहेगा?
इससे पहले दोनों नेता आधिकारिक तौर पर पिछले साल 24 जनवरी को हुई विधायक दल की बैठक में मिले थे. तब भी पूनिया और वसुंधरा राजे के बीच तल्खी ही दिखी थी. उस समय विधानसभा का सत्र चल रहा था और सदन से कैलाश मेघवाल के वॉकआउट नहीं करने के बाद विधायक दल की बैठक में कैलाश मेघवाल, गुलाबचंद कटारिया और सतीश पूनिया में बहस भी हुई थी. इसी दौरान सतीश पूनिया ने कहा था कि ऐसे घटनाक्रम से ना खुद उन्हें फायदा होगा और ना ही वसुंधरा राजे को. इस पर तत्काल पूनिया को टोकते हुए वसुंधरा राजे ने कहा था कि, 'मेरा नाम ऐसे किसी मामले में ना घसीटा जाए.'
अब पार्टी ने वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के नाते कोर ग्रुप में शामिल किया है. कुछ दिन पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं में ही वसुंधरा राजे समर्थक मंच और सतीश पूनिया समर्थक मोर्चा के नाम से सोशल मीडिया पर भी धड़ेबंदी दिखाई दी थी.
राजे के आने को लेकर संशय, कुछ भी बोलने से बच रहा राजे का स्टाफ -
इधर शॉर्ट नोटिस पर कोर ग्रुप की बैठक बुलाने को लेकर कुछ नेताओं ने पार्टी के प्लेटफार्म पर ऐतराज जताया है. उनका कहना है कि शॉर्ट नोटिस पर कोर ग्रुप की बैठक नहीं बुलाई जानी चाहिए थी, क्योंकि कई नेताओं पर कुछ कार्यक्रम पहले से तय है. फिलहाल वसुंधरा राजे धौलपुर में अपने आवास पर हैं और उनके जयपुर लौटने को लेकर राजेश कुछ भी बोलने से बच रहा है.
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