Ajmer: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हुई हाईटेक, स्मार्टफोन से कर रही हैं मॉनिटरिंग
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Ajmer: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हुई हाईटेक, स्मार्टफोन से कर रही हैं मॉनिटरिंग

अजमेर में छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं में कुपोषण की स्थिति से निपटने, प्री-स्कूल शिक्षा और आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिंग के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिए गए.

कार्यालय पंचायत समिति.

Ajmer: अजमेर में छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं में कुपोषण की स्थिति से निपटने, प्री-स्कूल शिक्षा और आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिंग के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिए गए. इन स्मार्ट फोन के माध्यम से रोजाना आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिंग होती है. कार्यकर्ताओं को फोन से ही रोजाना रिपोर्ट अपलोड करनी होती है.

ऑनलाइन मॉनिटरिंग
सरवाड़ पंचायत समिति में 124 आंगनबाड़ी केंद्र है और सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रतिदिन स्मार्टफोन के माध्यम से ही रिपोर्टिंग कर रही हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी स्मार्टफोन से आंगनवाड़ी केंद्र की मॉनिटरिंग कर रहे हैं लेकिन सरवाड़ पंचायत समिति में महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय में एक कंप्यूटर तक नहीं है जिसके चलते यहा के कार्यालय का कामकाज बाधित हो रहा है.

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एक तरफ सरकार ऑनलाइन करने में लगी हुई है वहीं दूसरी और कंप्यूटर का टोटा
जहां 12 राजस्थान सरकार, सरकारी कार्यालय को ऑनलाइन करने में लगी हुई है और सभी काम ऑनलाइन किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर महिला एवं बाल विकास विभाग मारवाड़ में कंप्यूटर नहीं है. जिसके चलते या कार्यरत कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और छोटे-मोटे कामकाज के लिए केकड़ी जाना पड़ता है. स्थानीय कर्मचारियों ने कंप्यूटर के लिए उच्च अधिकारियों को सैकड़ों बार पत्र लिखे लेकिन अधिकारियों ने पत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया जिसके चलते समस्या जस की तस है. जहां एक तरफ महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यकर्ता स्मार्टफोन से हाईटेक हो चुकी है वहीं कार्यालय में एक कंप्यूटर का टोटा है.

कंप्यूटर एवं प्रिंटर का अभाव
सरवाड़ पंचायत समिति में महिला एवं बाल विकास विभाग का ऑफिस संचालित है लेकिन यहां पर कंप्यूटर नहीं है जिसके चलते यहा कार्यरत कर्मचारियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है कार्यालय में प्रतिदिन कई पत्र आते हैं और कई पत्र भेजने पड़ते हैं जिसके लिए कंप्यूटर और प्रिंटर की आवश्यकता है लेकिन यहां कंप्यूटर नहीं है. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिका की तनख्वाह के लिए बाबू को केकड़ी जाना पड़ता है क्योंकि यहां पर कंप्यूटर नहीं है. कंप्यूटर उपलब्ध कराने को लेकर स्थानीय कर्मचारियों ने उच्च अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी जिसके चलते समस्या जस की तस है.

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कंप्यूटर के अभाव में बाहर से करवाना पड़ रहा है काम
महिला एवं बाल विकास विभाग सरवाड़ में कंप्यूटर नहीं है जिसके चलते स्थानीय कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कंप्यूटर के अभाव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एवं स्थानीय कर्मचारियों की तनख्वाह केकड़ी से बनवानी पड़ रही है इसके अलावा पोषाहार मासिक बैठक एनपीआर आंगनबाड़ी केंद्रों की रिपोर्ट अन्य कार्यालय के कामकाज कंप्यूटर के अभाव में बाहर से करवाने पढ़ रहे हैं. जिसके चलते स्थानीय कर्मचारी खासे परेशान हैं क्योंकि छोटे छोटे काम के लिए उनको अन्यत्र जाना पड़ रहा है. 

कार्यालय में कंप्यूटर हो तो हाथों-हाथ काम हो जाता है लेकिन कंप्यूटर नहीं है जिसके चलते एक पत्र लिखने के लिए भी बाहर जाना पड़ता है. सबसे बड़ी मजेदार बात यह है कि महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास स्मार्टफोन है लेकिन कार्यालय में कंप्यूटर तक नहीं है.

Reporter: Manveer Singh

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