दरगाह बम ब्लास्ट के समय अजमेर में छुपा हुआ था आतंकी, पूछताछ में बदल सकती है जांच की दिशा
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दरगाह बम ब्लास्ट के समय अजमेर में छुपा हुआ था आतंकी, पूछताछ में बदल सकती है जांच की दिशा

अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में 11 अक्टूबर 2007 को आतंकियों ने बम ब्लास्ट किया था. 

फाइल फोटो

Ajmer: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के आतंकी मोहम्मद अशरफ (Mohammad Ashraf) की दिल्ली में गिरफ्तारी और उसके अजमेर कनेक्शन सामने आने के बाद अब बहुत सारी आतंकी घटनाओं की सच्चाई से पर्दा उठना बाकी है. आतंकी मोहम्मद अशरफ वर्ष 2005 से 2009 तक अजमेर में अपनी पहचान छुपा कर रहा था.

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 इसी अवधि में राजस्थान (Rajasthan News) में आतंकवाद की कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया गया. माना जा रहा है कि आतंकी अशरफ का अजमेर कनेक्शन राजस्थान में कई आतंकी घटनाओं की जांच की दिशा को बदल सकता है. खासतौर पर अजमेर दरगाह बम ब्लास्ट मामले में भी आतंकी से हो रही पूछताछ जांच की दिशा को प्रभावित कर सकती है. यह अलग बात है कि दरगाह ब्लास्ट मामले में तत्कालीन जांच एजेंसियों ने हिन्दू आतंकवाद की अवधारणा के आधार पर, जिन लोगों को आरोपी बनाया था उनमे से अधिकांश अब अदालत द्वारा बरी कर दिए गए हैं. 

अजमेर दरगाह बम ब्लास्ट के समय अजमेर में छुपा हुआ था पाकिस्तानी आतंकी अशरफ
अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में 11 अक्टूबर 2007 को आतंकियों ने बम ब्लास्ट किया था. इस मामले में तीन लोगों की मौत हुई, जबकि 17 घायल हुए थे. उस समय इस मामले में हिंदूवादी संगठनो की भूमिका को संदिग्ध मान कर कुछ लोगों को नामजद करते हुए उनकी गिरफ्तारियां हुई लेकिन उनमे से अधिकांश को अदालत ने तकनीकी आधार पर सबूतों के अभाव में इस मामले से बरी कर दिया गया. 

अजमेर दरगाह (Ajmer Dargah) ब्लास्ट मामले में अदालत द्वारा मुख्य आरोपी स्वामी असिमान्न्द (Swami Asimand) सहित अधिकांश आरोपियों को आरोप मुक्त कर बरी कर चुकी है. यही वजह है कि इस पूरे मामले में आज तक इस बात का खुलसा नहीं हो पाया कि आखिर दरगाह में ब्लास्ट के पीछे कौन था? आई एस आई आतंकी मोहम्मद अशरफ के अजमेर कनेक्शन सामने आने के बाद अब जांच एजेंसियों के लिए उसके बयान महत्वपूर्ण हो गए है. जांच एजेंसियों का भी मानना है कि इस आतंकी की देश में कई स्थानों पर हुई आतंकी वारदातों में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. 

इसी अवधि में हुआ था जयपुर सीरियल ब्लास्ट
आई एस आई आतंकी मोहम्मद अशरफ के अजमेर ठहराव के समय ही जयपुर में सीरियल बम धमाके हुए थे. 13 मई 2008 को जयपुर (Jaipur News) शहर में अलग-अलग स्थानों पर हुए बम धमाकों में 80 लोगों ने अपनी जान गवाई थी, जबकि 176 मासूम घायल हुए थे. आतंकी अशरफ के अजमेर ठहराव के समय हुए इन धमाको में भी आतंकी अशरफ की भूमिका की जांच जरुरी है. 

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आतंकी के अजमेर कनेक्शन की चर्चाएं 
आतंकवादी अशरफ के अजमेर कनेक्शन के सामने आने के बाद रोज नई चर्चाएं गर्म हो रही हैं. बताया जा रहा है कि अशरफ अजमेर बैठकर भारतीय सेना के मूवमेंट की जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को उपलब्ध करवा रहा था. अशरफ के अजमेर में एक धर्मगुरु से करीबी सम्बन्ध की बात भी सामने आई है. वही बताया जा रहा है कि अजमेर के स्टेशन रोड़ स्थित एक साइबर कैफे से अशरफ सारी जानकारी ईमेल के माध्यम से पाकिस्तान भेजा करता था. इसी के साथ जानकारी यह भी सामने आई है कि अशरफ ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) के बाहर भी हुए बम धमाके में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी.  

Reporter- Manveer Singh Chundawat

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