राज्य सरकार की और से आमजन को राहत पहुंचाने के लिए शुरू किए गए प्रशासन शहरों के संग शिविर अभियान के दूसरे चरण में शहरी क्षेत्र में विभिन्न वार्डों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है.
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Beawar: राज्य सरकार की और से आमजन को राहत पहुंचाने के लिए शुरू किए गए प्रशासन शहरों के संग शिविर अभियान के दूसरे चरण में शहरी क्षेत्र में विभिन्न वार्डों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. राज्य सरकार के निर्देश पर आमजन को राहत देने के लिए आयोजित किए जा रहे उक्त शिविर प्रशासनिक उदासीनता के कारण महज खानापूर्ति बने हुए है.
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शिविर में ना तो अधिकारी और ना ही कर्मचारी समय पर पहुंचते है जिसके कारण आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अपनी मनमर्जी के मुताबिक शिविर में पहुंचने वाले अधिकारी व कर्मचारियों की उदासीनता के कारण शिविरों में ना तो किसी को पट्टें दिए जा रहे है और ना ही नामातंरण खोला जा रहा है, जिसके कारण आमजन का अब इन शिविरों सो मोहभंग होता जा रहा है. दिनभर चक्कर लगाने के बाद शाम को आदमी खाली हाथ ही लौट रहे है.
सोमवार को ऐसा ही नजारा शहर के शाहपुरा मौहल्ला स्थित गिब्सन हॉस्टल में आयोजित शिविर में देखने को मिला. दोपहर 12 बजे तक शिविर में सभापति व आयुक्त की कुर्सी खाली पड़ी हुई थी. दोनों ही जिममेदार अधिकारी शिविर में उपस्थित नहीं थे. इस दौरान गाडौलिया समाज की महिलाएं तथा पुरूष स्थानीय पार्षद राजेन्द्र तुनगरिया के साथ 50 वर्गगज के नि:शुल्क भूखंड आवंटन की मांग को लेकर शिविर में पहुंचे थे लेकिन शिविर में सभापति व आयुक्त दोनों ही मौके पर नहीं मिले जिसके कारण गाडोलिया लुहार समाज के लोगों ने शिविर स्थल के बाहर खड़े होकर विरोध-प्रदर्शन किया.
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प्रदर्शन करने वालों में कालूराम, रामस्वरूप लुहार, दिनेश,मोतीलाल, मदनलाल, मोहनलाल, गणेश,प्रकाश, रामनिवास, नोरतमल, सन्तोष, अनिता चौहान, लीलावती, सीमा, निर्मला चौहान, चंपा देवी, गीता देवी, रजनी, पिस्ता देवी, मंजू देवी, कौशल्या, सुशीला, पप्पू, मोहनलाल, बन्ना तथा विक्रम सहित बडी संखया में महिलाएं शामिल थी.
Report- Dilip Chouhan