Makrana:दो रेलवे लाइनों के बीच कैद हो गई है 300 लोगों की बस्ती
Advertisement

Makrana:दो रेलवे लाइनों के बीच कैद हो गई है 300 लोगों की बस्ती

मकराना के कच्ची फाटक के पास स्थित एक 300 लोगों की बस्ती व राजकीय बालिका आवासीय विद्यालय रेलवे की दो पटरियों के बीच कैद है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Makrana:मकराना के कच्ची फाटक के पास स्थित एक 300 लोगों की बस्ती व राजकीय बालिका आवासीय विद्यालय रेलवे की दो पटरियों के बीच कैद है. ऐसे में बस्ती के नागरिकों ने शुक्रवार को रास्ते के लिए रेलवे पटरियों पर धरना दिया. 

आपको बता दें कि बस्ती में चाहे किसी की तबीयत खराब हो या मौत, रेल पटरियों को पार करना लोगों की मजबूरी बन गई है. पिछले कई वर्षों से बस्ती के लिए स्थाई रास्ते के लिए बस्ती के निवासी उच्च अधिकारियों सहित रेलवे विभाग के चक्कर लगाकर थक चुके हैं. अब बस्तीवासियों ने रेल पटरियों पर धरना देकर अपनी मांग पूरी करवाने को मजबूर हैं. जिसके चलते शुक्रवार को बस्ती की महिलाओं, पुरुषों व बच्चों ने मकराना-परबतसर रेल लाइन पर सांकेतिक धरना दिया. 

जिसकी जानकारी मिलने पर उपखंड अधिकारी मकराना जेपी बैरवा मौके पर पहुंचे और लोगों की समस्या सुनकर समझाइस की. बस्ती निवासियों ने एसडीएम बैरवा को बताया कि उनकी बस्ती को बसे कई वर्ष हो चुके हैं. जिसकी बसावट के समय एक ओर केवल जयपुर-जोधपुर रेल लाइन मौजूद थी. धीरे धीरे बस्ती में 40 से 50 मकान बन गए, जिनमें करीब 300 लोग निवास करते हैं. उन्होंने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व बस्ती के दूसरी ओर मकराना-परबतसर रेल लाइन बिछा दी गई और बस्ती दोनों ओर से पटरियों के बीच कैद हो गई. जिसका उन्होंने विरोध भी किया था. 

यह भी पढ़ें: Makrana: आरपीएफ जवान ने भिखारी को बुरी तरह से पीटा, वीडियो वायरल होने के बाद हुई कार्रवाई

उन्होंने बताया कि रास्ते की मांग को लेकर वे स्थानीय अधिकारियों से लेकर जिला कलेक्टर व जोधपुर डीआरएम से मिलकर उन्हें समस्या से अवगत करवा चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वस्त के अलावा कुछ नहीं मिला. स्थानीय निवासियों ने बताया कि किसी की तबियत खराब होने से लेकर मृत्यु होने पर भी उन्हें पटरियां पार करके दूसरी ओर जाना पड़ता है. जिसके बाद ही वे वाहन में हॉस्पिटल या अंतिम यात्रा में जा सकते हैं. खासतौर से पेयजल के लिए बस्ती में नाही कोई टैंकर आ पाता है और ना ही कोई लाइन जलदाय विभाग द्वारा डाली जा सकती है. ऐसे में उन्हें पैदल जाकर दूर-दूर से पेयजल लाना पड़ रहा है. साथ ही बस्ती में राजकीय कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय भी है, जिसके लिए भी कोई रास्ता नहीं है. जिसके कारण मजबूरी में उन्हें धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. 

वहीं एसडीएम बैरवा ने लोगों को उनकी समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन देते हुए उन्हें समझाकर धरना समाप्त करवाया. इस दौरान बस्ती के इस्लामूद्दीन शेख, अनवर शाह, जाकिर हुसैन, सरफराज खान, मोहम्मद फिरोज, अली हुसैन, इंसाफ अली, इकबाल शाह, मोहम्मद अमीन, शबिर अहमद, बदरुद्दीन, लाली बानों, शमीम बानों, नसीम बानों, हसीना बानों, खेरून, शकीना, महराज, मुमताज, सायरा सहित बच्चे एवं बस्तीवासी मौजूद थे. 

Reporter: Hanuman Tanwar

Trending news