Ajmer: चिकित्सा टीम को सपेरन ने पहले कोबरा सांप से डराया, फिर टीकाकरण के लिए हुई राजी
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Ajmer: चिकित्सा टीम को सपेरन ने पहले कोबरा सांप से डराया, फिर टीकाकरण के लिए हुई राजी

डेरो में मौजूद सपेरन ने टीकाकरण करवाने से साफ इंकार कर दिया.

सपेरन ने कोबरा सांप से डराया

Ajmer: जिले के पीसांगन उपखंड क्षेत्र के नागेलाव में अजीब वाकया सामने आया है. जब नागेलाव अस्पताल (Nagelav Hospital) की चिकित्सा टीम नागेलाव में डोर टू डोर कोरोना टीकाकरण (corona vaccination) करते हुए नागेलाव में निवास करने वाली कबीलाई जाति कालबेलियों के डेरों में पहुंची, तब वहां डेरो में मौजूद सपेरन ने टीकाकरण करवाने से साफ इंकार कर दिया. और पिटारे में बंद कोबरा सांप को पिटारे से बाहर निकाल कर चिकित्सा टीम को डराने धमकाने लगी. 

लेकिन चिकित्सा कर्मियों (medical personnel) के द्वारा सपेरन से की गई जी हुजूरी और मिन्नतों के बाद आखिरकार सपेरन और उसका पूरा कुनबा टीकाकरण (vaccination) के लिए राजी हुआ ओर सपेरन समेत कुनबे के 20 लोगों का पहली बार कोरोना (Covid) से बचाव के लिए टीकाकरण हुआ. ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी घनश्याम मोयल (Ghanshyam Moyal) ने बताया कि सरकार की मंशानुरूप ब्लाक अंतर्गत टीकाकरण के शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से इन दिनों ब्लॉक में डोर टू डोर टीकाकरण का कार्य चिकित्सा कर्मियों के द्वारा किया जा रहा है.

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इसी कड़ी में जब PHC नागेलाव में कार्यरत चिकित्सा प्रभारी चारु झा के निर्देशन में एएनएम किरण कोविड स्वास्थ्य सहायक नरेंद्र कुमार के अलावा आशा सहयोगिनी प्रीति चौहान व मंगलीदेवी चौधरी नागेलाव में डोर टू डोर कोरोना टीकाकरण करते हुए कबीलाई जाति कालबेलिया के डेरे पर पहुंचे, तब टीम के सामने अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई. यहां डेरे में मौजूद सपेरन कमला पत्नी श्रवन नाथ ने उनके डेरे में पहले से पिटारे में बंद कोबरा सांप (Cobra Snake) को बाहर निकालकर चिकित्सा कर्मियों को डराते धमकाते हुए टीकाकरण करवाने से साफ इंकार कर दिया. 

बीसीएमओ घनश्याम मोयल ने बताया कि इस पर चिकित्सा टीम ने सपेरन कमला कालबेलिया उसके परिजनों एवं उसके कुनबे के लोगों से काफी देर तक मिन्नतें कर समझाइश की. तब कमलादेवी कालबेलिया के अलावा डेरे में निवास करने वाले कमला देवी के कुनबे के 20 लोगों का पहली बार कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण (Covid Vaccination) संभव हो सका.

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चिकित्सा टीम जब सपेरन कमला के डेरे पर पहुंची और जो बॉक्स उसके घर के सामने रखा तो बॉक्स पर अंग्रेजी में STOP लिखा हुआ था. वहीं, इत्तफाक से इस STOP से अंजान कमला सपेरन ने कोबरा सांप दिखा कर चिकित्सक टीम को स्टॉप कर दिया.

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प्रदेश के साथ ही उपखंड क्षेत्र में कुनबे में निवास करने वाली कबीलाई सपेरा जाति के लिए पेट भरने का एकमात्र जरिया नाच गान के अलावा सांप ही है. सपेरा जाति तंत्र मंत्र के सहारे सांपों को वश में कर उसे पिटारे में बंद कर गांव गांव ढाणी ढाणी फेरी लगाकर अपना गुजर बसर करती हैं. कुछ समय बाद पकड़े गए इन सांपों को जंगल में सुरक्षित छोड़ देती हैं.

Report- manveer singh chundawat

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