कवि और आलोचक डॉ. अर्जुन राम चारण ने बताया कि आज नागौर जिला मुख्यालय पर राजस्थानी भाषा दशा और दिशा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ.
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Nagaur: नागौर की धरा पर राजस्थानी भाषा. आज राजस्थानी भाषा दशा और दिशा पर मायड़ भाषा की संगोष्ठी का आयोजन किया गया. नागौर जिला मुख्यालय के टाउन हॉल में आयोजित हुई इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि कवि और आलोचक डॉ.अर्जुन देव चारण (Dr.Arjun Dev Charan) रहे. साथ ही अध्यक्षता नागौर जिला कलेक्टर और साहित्यकार डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी (Dr. Jitendra Kumar Soni) ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
राजस्थानी भाषा दशा और दिशा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन में संगोष्ठी संयोजक रामरतन लटियाल (Ramratan Latiyal) ने बताया कि संगोष्ठी में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए मायड़ भाषा के साहित्यकार कवि आलोचक और कथाकार ने इसमें विचार मंथन किया हैं, साथ ही अपनी बात रखी. कार्यक्रम मे राजस्थानी भाषा साहित्य लेखन और उसमें नई पीढ़ी से जुड़ाव को लेकर सभी ने अपनी अपनी बात रखी. इस मौके पर राजस्थानी भाषा और साहित्य क्षेत्र में काम करने वाले विशिष्ट जनों का सम्मान भी किया गया.
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कवि और आलोचक डॉ. अर्जुन राम चारण ने बताया कि आज नागौर जिला मुख्यालय पर राजस्थानी भाषा दशा और दिशा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ. जिसमें राजस्थानी भाषा को हम किस प्रकार मान्यता दिला सकते हैं, इसको लेकर सभी के साथ मंथन किया गया. और रूपरेखा तैयार की गई.
वहीं, नागौर जिला कलेक्टर और साहित्यकार डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी बोले की राजस्थानी भाषा को लेकर सभी को अपने प्रयास करने चाहिए. सभी को सोशल मीडिया के माध्यम से भी राजस्थानी भाषा पर प्रचार प्रसार करना चाहिए. वहीं राजस्थानी भाषा को लेकर नागौर में हर विद्यालय में राजस्थानी भाषा का भी लगातार शिक्षकों द्वारा बच्चों को राजस्थानी भाषा के बारे में बताया जा रहा हैं. इस दौरान पद्मश्री (Padma Shri) सम्मानित हिम्मताराम भांभू (Himtaram Bhambhu), डॉ. हापूराम चौधरी (Dr. Hapooram Choudhary) सहित पुरे प्रदेश भर से गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.
Reporter - Damodar Inaniya