भर्ती परीक्षाओं को कानूनी समस्यों से बचाने के लिए वरदान बन रही है RPSC की प्री लिटिगेशन कमेटी
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भर्ती परीक्षाओं को कानूनी समस्यों से बचाने के लिए वरदान बन रही है RPSC की प्री लिटिगेशन कमेटी

आयोग के अध्यक्ष शिव सिंह राठोड़ के दावों पर यकीन करें तो इस नवाचार के बाद आयोग और अभ्यर्थियों को एक बड़ी राहत मिली है. इसी के साथ भर्ती परीक्षाओं के कानूनी वाद में फंसने की समस्या का भी स्थाई समाधान हुआ है, जिससे अब भर्ती परीक्षाओं को समय पर पूरा कर बेरोजगारों ने सरकारी नौकरी के सपने साकार होने लगे हैं.

फाइल फोटो

Ajmer: प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को भर्ती परीक्षाओं के लंबे समय तक कानूनी वाद में फंसने की आशंकाओं से छुटकारे के लिए राजस्थान लोकसेवा आयोग की प्री लिटिगेशन कमेटी (Pre Litigation Committee of Rajasthan Public Service Commission) कारगर हथियार के रूप में काम कर रही है. आयोग की इस कमेटी ने एक तरफ जन्हा युवा बेरोजगारों में आयोग के प्रति नया विशवास पैदा किया है तो दूसरी तरफ आयोग को भी बेवजह के मुकदमों से बड़ी राहत मिली है. 

आयोग के अध्यक्ष शिव सिंह राठोड़ के दावों पर यकीन करें तो इस नवाचार के बाद आयोग और अभ्यर्थियों को एक बड़ी राहत मिली है. इसी के साथ भर्ती परीक्षाओं के कानूनी वाद में फंसने की समस्या का भी स्थाई समाधान हुआ है, जिससे अब भर्ती परीक्षाओं को समय पर पूरा कर बेरोजगारों ने सरकारी नौकरी के सपने साकार होने लगे हैं. राजस्थान लोक सेवा आयोग अपनी एक नई पहल से प्रदेश के अनेक अभ्यर्थियों को मुकदमों के मकड़जाल में फंसने से बचा चुका है. 

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आयोग द्वारा बढ़ते कानूनी वादों को कम करने के लिए 1 मार्च 2019 को पहली बार प्री लिटिगेशन कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी की पहली बैठक 1 मई को आयोजित हुई. आयोग द्वारा गठित प्री -लिटिगेशन समिति की पहली बैठक 1 मई 2019 को आयोजित हुई. इसके बाद से ही आयोग लगातार इस कमेटी के माध्यम से अभ्यर्थियों को राहत प्रदान कर रहा है. इसमें आयोग की विभिन्न भर्ती परीक्षाओं से संबंधित अभ्यर्थियों के वर्ग परिवर्तन, जन्म तिथि और शैक्षिक योग्यता आदि में संशोधन के अभ्यावेदन मिले. इन सभी को आयोग संशोधन का मौका दिया जाता है. 

कोर्ट ने ही पहले आयोग के पास भेजा
आयोग द्वारा प्री लिटिगेशन कमेटी की स्थापना के बाद अब तक विभिन्न अदालतों ने भी आयोग के इस नवाचार की तारीफ की है. अदालतों ने भी इस कमेटी की कामकाज की सराहना करते हुए अनेक अभ्यर्थियों को उसके मुकदमों के संबंध में पहले प्री लिटिगेशन कमेटी के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए. अदालत की इस कार्यवाही ने भी अभ्यर्थियों में प्री लिटिगेशन कमेटी के लिए विश्वास जगाया है. आयोग का दावा है कि पिछले दो सालो में इस कमेटी के माध्यम से सैंकडों ऐसे मामले में जिन्हें अदालत में जाने से पहले ही निपटा लिया गया, जिसके चलते अभ्यर्थियों के धन और समय की बचत के साथ भर्ती परीक्षाओं के कानूनी दावपेंच में उलझने के आंकड़े भी कम हुए है. 

इसलिए किया गया है गठन
1. विभिन्न परीक्षाओं में बैठने वाले अभ्यर्थियों द्वारा विभिन्न कारणों से कोर्ट में किए जाने वाले केसेज में कमी लाने के लिए इस समिति का गठन किया गया है. 
2. कोर्ट केस में व्यय होने वाले अनावश्यक खर्च से आयोग और अभ्यर्थी दोनों को ही फायदा होगा. 
3. समय की बर्बादी को रोका जा सकेगा. 
4. परीक्षा आयोजन और परिणाम समय पर घोषित किए जा सकेंगे. 
5. छोटे मोटे केसेज समिति में ही निस्तारित हो जाने से आयोग और अभ्यर्थी दोनों को लाभ मिलेगा. 

वर्तमान में यह शामिल है कमेटी में
राजस्थान लोकसेवा आयोग की प्री लिटिगेशन कमेटी में फाउंडर अध्यक्ष के रूप में सबसे पहले आयोग के वर्तमान कार्यवाहक अध्यक्ष शिव सिंह राठोड़ ने कामकाज की शुरुआत की थी. आयोग सदस्य के साथ एक वकील होना उनके लिए इस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में उनकी प्रभावी भूमिका को सामने लाया था. वहीं, यदि वर्तमान की बात की जाए तो आयोग की वरिष्ठ सदस्य राजकुमारी गुर्जर इसकी अध्यक्ष है जबकि सदस्य के रूप में आयोग सचिव एच एल अटल और आयोग के लीगल एडवाइजर भंवर भदाला शामिल है. इस कमेटी में आयोग के सयुंक्त सचिव आशुतोष गुप्ता मेंबर सेक्रेटरी की भूमिका का निर्वहन कर रहे है. 

Reporter- Manveer 

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