एकेएच में ब्रेन स्टोम इवोक्ड रिस्पोंस ऑडियोमेट्री मशीन की सेवाएं शुरू, अब अस्पताल में रोज होगा हियरिंग टेस्ट
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एकेएच में ब्रेन स्टोम इवोक्ड रिस्पोंस ऑडियोमेट्री मशीन की सेवाएं शुरू, अब अस्पताल में रोज होगा हियरिंग टेस्ट

शहर के नवजातों के सुनने व बोलने में परेशानी होने पर इलाज के लिए अब लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा. नवजातों के विशेष इलाज की सुविधा अब राजकीय अमृतकौर अस्पताल (Rajkiya Amrit Kaur Chiktsalya) में ही शुरू हो गई है. 

एकेएच में ब्रेन स्टोम इवोक्ड रिस्पोंस ऑडियोमेट्री मशीन की सेवाएं शुरू

Beawar: शहर के नवजातों के सुनने व बोलने में परेशानी होने पर इलाज के लिए अब लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा. नवजातों के विशेष इलाज की सुविधा अब राजकीय अमृतकौर अस्पताल (Rajkiya Amrit Kaur Chiktsalya) में ही शुरू हो गई है. राज्य सरकार की और से पांच लाख की कीमत से उपलब्ध करवाई गई ब्रेन स्टोम इवोक्ड रिस्पोंस ऑडियोमेट्री मशीन की सेवाएं शुरू हुई.

शुक्रवार को ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. नरेश गोठवाल तथा स्पीच थैरेपिस्ट राशिका शर्मा ने स्टाफ सदस्यों की उपस्थिति में मशीन का उदघाटन किया. उद्घाटन के दौरान बच्चों का हियरिंग टेस्ट किया गया. मालूम हो कि अब तक अस्पताल में यह सुविधा नहीं होने के कारण या तो बच्चों और बुजुर्गों की जांच नहीं हो पाती थी या अजमेर जाना पड़ता था. लेकिन सरकार ने अब ब्यावर के राजकीय अमृतकौर अस्पताल में ही ब्रेन स्टोम इवोक्ड रिस्पोंस ऑडियोमेट्री मशीन उपलब्ध करवा दी है. 

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ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. नरेश गोठवाल ने बताया कि बेरा नामक मशीन से बच्चों और बड़ों की कम सुनने वाले या बिल्कुल नहीं सुनने वालों की संपूर्ण जांच की जा सकती है और बच्चों में समय से पूर्व पता लगाया जा सकता है. उक्त जांच प्राइवेट में करीब 5 हजार रुपये में होती है जो अब अस्पताल में नि:शुल्क हो सकेगी. ब्यावर में ऑडियोलॉजी मशीन तो पहले से उपलब्ध थी लेकिन एकेएच में ऑडियोलॉजिस्ट की स्थाई नियुक्ति नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था लेकिन सरकार द्वारा एकेएच में ब्रेन स्टोम इवोक्ड रिस्पोंस ऑडियोमेट्री मशीन उपलब्ध करवाने के साथ ही ऑडियोलॉजिस्ट राशिका शर्मा को भी एकेएच में स्थाई नियुक्ति दे दी है. ऐसे में ब्यावर में अब मरीजों और नवजात बच्चों को रोजाना जांच की सुविधा मिल सकेगी.

मालूम हो कि बैरा जांच नवजात से लेकर कुछ सालों तक के बच्चों में होती है, क्योंकि बच्चे बहरेपन की शिकायत नहीं कर पाते. इस टेस्ट के लिए राइट लेफ्फट कान चिक के पास, सिर पर कैथोड लगाया जाता है. इसके बाद एक्टिविटी शुरू हो जाती है. कम्प्यूटर में साउंड वेव दिखने लगते हैं. पिक्चर अगर स्पष्ट दिखाई दे रही हो, तो इसका मतलब हियरिंग लॉस है. हियरिंग एड के बाद भी कोई हरकत नहीं है, तो कोकलिया इंप्लांट किया जाता है. शुक्रवार को मशीन के उदघाटन कार्यक्रम में डॉ. पीएम बोहरा तथा एमएस चांदावत आदि भी उपस्थित थे.
Report- Dilip Chouhan

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