पुष्कर देशभर के करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र जगतपिता ब्रह्मा का तीर्थ पुष्कर सरोवर इन दिनों अपने इतिहास के सबसे बदहाली भरे दिनों का गवाह बन रहा है, जिस तीर्थ पर शीश झुका कर श्रद्धालु अपने दुख दर्द दूर करने की प्रार्थना करते हैं
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Pushkar: पुष्कर देशभर के करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र जगतपिता ब्रह्मा का तीर्थ पुष्कर सरोवर इन दिनों अपने इतिहास के सबसे बदहाली भरे दिनों का गवाह बन रहा है, जिस तीर्थ पर शीश झुका कर श्रद्धालु अपने दुख दर्द दूर करने की प्रार्थना करते हैं. वहीं पुष्कर तीर्थ इन दिनों प्रशासनिक उदासीनता और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के देश झेल रहा है.
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हालात इतने खराब है कि सरोवर का जल गाड़ा होने के चलते सैकड़ों मछलियां सरोवर में दम तोड़ रही है. सरोवर के आसपास दुर्गंध से सरोवर किनारे खड़े रहना भी मुश्किल हो चुका है. इतना ही नहीं सरोवर का जल स्तर प्रतिदिन घट रहा है. सरोवर के किनारे बने कुंड अब खाली होने लगे हैं. इस संबंध में जब जी मीडिया द्वारा पड़ताल की गई तो पेयजल विभाग की लापरवाही सामने आई. तीर्थ पुरोहितों ने बताया कि सरोवर में बीते 7 दिनों से पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है और ना ही प्रशासनिक स्तर पर सरोवर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के साथ सरोवर के जल की शुद्धता के लिए कोई भी प्रयास नहीं किए गए हैं.
5 दिनों पूर्व भी नगर पालिका पुष्कर की लापरवाही के चलते पुष्कर सरोवर में भारी मात्रा के अंदर सीवरेज का दूषित जल पुष्कर सरोवर में प्रवाहित हो गया. इन घोर लापरवाही पर जब जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब चाहा गया तो अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए मीडिया से बात करना भी मुनासिब नहीं समझ रहे. वहीं दूसरी ओर कस्बे की जनता के द्वारा जनप्रतिनिधि इस संबंध में मौन है. इन सबके बीच तीर्थ में श्रद्धा रखने वाले श्रद्धालु और स्थानीय तीर्थ पुरोहितों की आस्था धूमिल हो रही है. तमाम आंदोलनों के बाद भी तीर्थ पुरोहितों में अब हताशा का माहौल है.