गुरु पुष्कर के नए रंगजी मंदिर में सोमवार को वैकुंठ एकादशी के साथ दस दिवसीय वैकुंठ महोत्सव का शुरू हुआ. महोत्सव के शुभारंभ पर एक घंटे के लिए मंदिरों के वैकुंठ द्वार खोले गए.
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Pushkar: प्रदेश के पुष्कर तीर्थ गुरु पुष्कर के नए रंगजी मंदिर में सोमवार को वैकुंठ एकादशी के साथ दस दिवसीय वैकुंठ महोत्सव का शुरू हुआ. महोत्सव के शुभारंभ पर एक घंटे के लिए मंदिरों के वैकुंठ द्वार खोले गए.
वर्ष में एक बार होने वाले इस 10 दिवसीय वैकुंठ उत्सव के अंतर्गत ब्रह्म मुहूर्त में भगवान वैकुंठ नाथ का पंचामृत से अभिषेक किया गया. उसके बाद रामानुज सम्प्रदाय की द्रविड़ पूजा विधि के अंतर्गत विशेष अनुष्ठान किया गया. इसके पश्च्यात भगवान वैकुंठनाथ की सवारी निकली. इसके बाद वैकुंठ द्वार से निकलने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई. नए रंगजी मंदिर के व्यवस्थापक सत्यनारायण रामावत ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति नए रंगजी मंदिर में दस दिवसीय वैकुंठ महोत्सव श्रद्धा एवं उल्लास के साथ आरंभ हुआ.
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महोत्सव के शुभारंभ पर गुरुवार की सुबह बीते एक साल से बंद वैकुंठ द्वार खोला गया. वैकुंठ द्वार से रत्न आभूषणों से जड़ित भगवान वैकुंठनाथ की सवारी निकाली गई. इसके बाद वैकुंठ द्वार से निकलने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ गया. इस दौरान द्वार के बाहर भगवान वैकुंठ नाथ की पुजारियों ने वेदिक मंत्रोचारण के बीच अर्चना की तथा प्रसाद वितरित किया. गौरतलब है कि आज से 10 दिवसीय वैकुंठनाथ विवाह महोत्सव का आगाज हो जाता है और 10 दिनों तक मंदिर प्रांगण में विशेष शोभायात्रा निकाली जाती है.
उत्सव के 11वें दिन भगवान वैकुंठनाथ और रुकमणी का विवाह महोत्सव के साथ उत्सव का समापन हो जाता है. ऐसी मान्यता है कि साल कि इस वैकुंठ एकादशी पर वैकुंठ द्वार से निकलने वाले श्रद्धालुओं को भगवान के श्री चरणों में स्थान प्राप्त होता है.
Reporter- Manveer