नागौर के जिस गांव ने दिए कई राजनेता, वहां के अस्पताल में एम्बुलेंस ही नहीं
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नागौर के जिस गांव ने दिए कई राजनेता, वहां के अस्पताल में एम्बुलेंस ही नहीं

एम्बुलेंस 108 के अभाव में समय पर सहायता नहीं मिल पाती है. जिससे उन्हें घायल हालत में तडपना पड़ता है, अधिकांश बार घायलों को उपचार के लिए चिकित्सालय पहुंचाने में पुलिस के वाहन और निजी वाहनों का उपयोग करना पड़ता है.

आखिर कब पहुंचेगी कुचेरा अस्पताल में एम्बुलेंस 108

Nagaur: राजस्थान के अजमेर (Rajasthan Ajmer) में राजनीति की बात आते ही सबसे पहले नागौर जिले के  कुचेरा का नाम सामने आता है. क्योंकि कुचेरा कस्बा स्वर्गीय बलदेव राम मिर्धा, नाथूराम मिर्धा,  रामनिवास मिर्धा,  पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हरेंद्र मिर्धा, पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा, पूर्व डेगाना विधायक रिछपाल सिंह मिर्धा, वर्तमान डेगाना विधायक विजयपाल मिर्धा का पैतृक गांव है.लेकिन एक एम्बुलेंस (Ambulance) के लिए कुचेरा कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को तरसना पड़ रहा है.

कुचेरा कस्बे में पिछले लंबे समय से एम्बुलेंस 108 की सेवा बंद है. जिसके कारण हादसे होने या प्रसूताओं के प्रसव होने के दौरान मरीजों और घायलों को निजी वाहनों की सहायता से अस्पताल ले जाना पड़ रहा है.कुचेरा क्षेत्र में वर्ष 2011 में बड़ी दुर्घटना के बाद आमजन व जनप्रतिनिधियों की मांग पर तत्कालीन सरकार ने कुचेरा में एम्बुलेंस 108 स्वीकृत की थी.

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 इस साल की शुरूआत तक शहर की एम्बुलेंस 108 क्षेत्र में होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों व प्रसूताओं को मौके पर तत्काल उपचार उपलब्ध करवाने के साथ उन्हें समय पर चिकित्सा पहुंचाने में लगातार सेवा दे रही थी. कोरोना काल में भी शहर की एम्बुलेंस 108 विभिन्न सेंटरों से जांच सेम्पल जिला मुख्यालय पहुंचाने, रेफर किए गए कोरोना मरीजों को उच्च सेंटर तक पहुंचाने सहित विभिन्न आवश्यक सेवाएं दे रही थी.

लेकिन इस साल की शुरुआत में एम्बुलेंस 108 में चलने वाली गाड़ी को 104 में बदलकर नई कम्पनी को स्थानांतरित कर दिया गया. उसके कुछ समय बाद एम्बुलेंस 104 को भी शहर से नदारद हो गई. जिसके कारण कुचेरा और आसपास के क्षेत्रों में दुर्घटना होने पर या तो निजी वाहनों की सहायता से घायलों को अस्पताल ले जाया जाता है या फिर मूण्डवा, मेड़ता, रोल एम्बुलेंस से आने का इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में इन लोकेशनों से एम्बुलेंस आने में आधा से एक घंटे तक का समय लग जाता है.

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कुचेरा क्षेत्र से निकल रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 89, स्टेट हाईवे 63, जयपुर कुचेरा, बुटाटी रोड़, कुचेरा जायल रोड़ सहित विभिन्न सड़कों पर घटित होने वाली दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को एम्बुलेंस 108 के अभाव में समय पर सहायता नहीं मिल पाती है. जिससे उन्हें घायल हालत में तडपना पड़ता है. अधिकांश बार घायलों को उपचार के लिए चिकित्सालय पहुंचाने में पुलिस के वाहन और निजी वाहनों का उपयोग करना पड़ता है.

 जिससे पुलिस को जांच व अन्य कार्य में बाधा आती है. यही नहीं प्रसूताओं और अन्य गम्भीर बीमारीं के मरीजों को भी समय पर उपचार और वाहन उपलब्ध नहीं होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कुचेरा शहर सहित क्षेत्रवासियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा बार-बार प्रशासन से कुचेरा की एम्बुलेंस 108 सेवा को वापस चालू करवाने और नई  एम्बुलेंस उपलब्ध करवाने की मांग रखी. लेकिन अभी तक किसी प्रकार का कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है. 

लेकिन अब तक एम्बुलेंस 108 सेवा वापस शुरू नहीं करने से क्षेत्र में दुर्घटना के घायलों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में देखने वाली बात यह रहेगी कि राज्य सरकार के तीन वर्ष पुरे हो रहे हैं,  तो ऐसे में क्या कुचेरा के अस्पताल को भी एम्बुलेंस की सौगात मिलेगी. 

Reporter- Damodar Inaniya

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