किशनगढ़ बास के घंटाघर में दशहरे के रावण की तरह धू-धू कर लगती रही आग, तमाशबीन बने लोग
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किशनगढ़ बास के घंटाघर में दशहरे के रावण की तरह धू-धू कर लगती रही आग, तमाशबीन बने लोग

नगर पालिका किशनगढ़ बास द्वारा लाखों रुपये के बजट को खर्च कर इस घंटाघर का जीर्णोद्धार एंव सौंदर्यीकरण करवाया गया था, लेकिन सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद भी इस घंटाघर पर घड़ी नहीं लगाई गई. वहीं, बीती रात को घंटाघर में दशहरे के रावण की तरह धू-धू कर आग लगती रही और कस्बे के लोग तमाशबीन बनकर इसका नजारा देखते रहे. 

घंटाघर का दुर्भाग्य.

Kishangarh Bas: अलवर के किशनगढ़ बास कस्बे की पहचान रखने वाले घंटाघर का दुर्भाग्य भी कहा जा सकता है कि पूर्व में इस घंटाघर पर लगे घंटे ने कभी सही समय नहीं दर्शाया जो हमेशा ही बंद पड़ा रहा. इसका मुख्य कारण जनप्रतिनिधियों की अनदेखी ओर उदासीनता रहा है. 

हालांकि करीब 4 साल पहले नगर पालिका किशनगढ़ बास द्वारा लाखों रुपये के बजट को खर्च कर इस घंटाघर का जीर्णोद्धार एंव सौंदर्यीकरण करवाया गया था, लेकिन सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद भी इस घंटाघर पर घड़ी नहीं लगाई गई. वहीं, बीती रात को घंटाघर में दशहरे के रावण की तरह धू-धू कर आग लगती रही और कस्बे के लोग तमाशबीन बनकर इसका नजारा देखते रहे. किसी ने किसी प्रकार से इसके उपाय के बारे में नहीं सोचा. 

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घंटाघर में लगी आग से कई गरीब लोगों की रोजी-रोटी भी उनसे छीन गई, जिसमें कई मोची जो अपने परिवार का जीवन यापन इस घंटाघर के नीचे बैठकर दो वक्त की रोजी-रोटी कमाते थे. उनका सामान भी जलकर खाक हो गया. साथ हीं, गरीब ठेली वाला जो यहां पर सब्जी की ठेली लगाता था, उसकी ठेली भी जलकर खाक हो गई. 

घंटाघर के नीचे बैठकर रोजी-रोटी कमाने वाले पूर्ण चंद, बनवारी लाल, त्रिलोकचंद ने बताया कि घंटाघर में लगी आग से उनका सामान जलकर राख हो गया, जिससे वह बिल्कुल बेरोजगार बैठे हुए हैं. रोजी-रोटी कमाने के लिए कोई साधन नहीं बचा है. वहीं, घंटा घर पर BSNL टेलीफोन कंपनी के 200 कनेक्शन पिलर और डीपी जलकर खाक हो गई, जिससे कस्बे की वीआईपी नंबरों सहित 40 टेलिफोन कनेक्शन बंद पड़े हुए हैं. 

जानकारी के अनुसार, घंटाघर के आसपास दुकानदारों द्वारा दुकान का कूड़ा करकट घंटा घर के नीचे डालकर ढेर लगा दिया गया है, जिसमें किसी ने रात के समय आग लगा दी, जिसकी वजह से घंटाघर सहित गरीब लोगों की रोजी-रोटी के साधन सहित बीएसएनल कंपनी का पिलर जलकर राख हो गया. इसका खामियाजा करीब 40 टेलीफोन उपभोक्ताओं को करना पड़ रहा है, जिसमें कई वीआईपी नंबर भी है. इसमें पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय का नंबर भी बंद हो गया है, जिसके कारण पुलिस विभाग को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 

भारत संचार निगम लिमिटेड के कनिष्ठ अभियंता संदीप अग्रवाल ने बताया कि घंटाघर में लगी आग के कारण भारत संचार निगम लिमिटेड की 200 कनेक्ट वाले पिलर सहित डीपी जलकर राख हो गई, जिसके चलते कस्बे के वीआईपी नंबर सहित 40 उपभोक्ताओं के टेलीफोन कनेक्शन बंद हो गई थी, जिसके लिए तीव्रता से काम किया जा रहा है और पिलर को लगाने में करीब 1 से 2 दिन का समय लग सकता है तभी जाकर यह नंबर चालू हो सकेंगे. 

Reporter- Jugal Gandhi

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