सक्षम योजना से दिव्यांगजनों को संबल, 3 दिसंबर को दिल्ली में अलवर को मिलेगा सम्मान
जिला प्रशासन द्वारा चलाये गए सक्षम अभियान के तहत दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण में किए गए कामों में अलवर जिले ने देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.
अलवर: जिला प्रशासन द्वारा चलाये गए सक्षम अभियान के तहत दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण में किए गए कामों में अलवर जिले ने देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. 3 दिसम्बर को दिव्यांगजन दिवस के मौके पर केंद्र सरकार के सामाजिक एवं न्यायिक अधिकारिता विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में अलवर जिले को यह सम्मान मिलेगा.
3 दिसम्बर को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर दिव्यांग सशक्तिकरण के लिए सर्वश्रेष्ठ जिले का पुरस्कार अलवर जिले को मिलने जा रहा है. यह पुरस्कार अलवर कलेक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी दिल्ली में प्राप्त करेंगे. जिला प्रशासन अलवर द्वारा कलेक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी के नेतृत्व दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए सक्षम अभियान की शुरुआत की गई थी, जिसका परिणाम यह रहा कि दिव्यांगजन के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए देश भर में प्रथम स्थान मिला है.
हर साल दिव्यांगजन के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले जिले को दिया जाता है
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रविकांत ने बताया भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा वर्ष 2022 के पुरस्कार विजेताओं की सूची में अलवर को शामिल किया गया है, यह पुरस्कार हर वर्ष दिव्यांगजन के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले देशभर में एक ही जिले को दिया जाता है.
डोर टू डोर सर्वे कराकर डेटा बेस तैयार
रविकांत ने बताया कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी के नेतृत्व में जिले में दिव्यांगजनों के लिए सक्षम अभियान की शुरुआत की. इसमें सबसे पहले अप्रैल व मई में दिव्यांगजनों का डोर टू डोर सर्वे कराकर डेटा बेस तैयार किया गया. दूसरे चरण में शामिल दिव्यांगजनों को जिले में 22 विभिन्न पंचायत समितियों में शिविर लगाकर लाभान्वित किया गया. शिविरों में भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम की टीम ने दिव्यांगजनों को उनकी दिव्यांगा के अनुरूप सहायक उपकरण के लिए पंजीकरण और प्रमाणीकरण किया.
दिव्यांगजनों को मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन पेंशन, मुख्यमंत्री पालनहार योजना, सहायक उपकरण , मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से जोड़ा गया और रोडवेज पास जारी करवाए गए, वहीं, तीसरे चरण में दिवाली से पूर्व 2 करोड़ 41 लाख रु की लागत से 1839 दिव्यांगजनों को 22 सौ से ज्यादा उपकरण बांटे गए. कुल मिलाकर प्रशासन द्वारा चलाया गया सक्षम अभियान दिव्यांगजनो के लिए एक किरण के रूप में सामने आया है.