Baran News: किशनगंज चोमूखा बाजार सहित बस स्टैंड पर विद्युत फूल मालाओं रंग बिरंगी पिन्नी विद्युत साज-सज्जा की गई जो लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र रहा. सक्सेना परिवार द्वारा पुत्री नहीं होने पर तुलसी के बिरवै को पुत्री मानकर भगवान श्री चारभुजा नाथ का विवाह किया गया था तब से ही कस्बे वासी यह परंपरा लगातार 137 वर्षों से निर्वाह करते आ रहे हैं.
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Baran News: बारां के किशनगंज चोमूखा बाजार सहित बस स्टैंड पर विद्युत फूल मालाओं रंग बिरंगी पिन्नी विद्युत साज-सज्जा की गई जो लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र भी रहा. यहां फूलडोल देखने के लिए किशनगंज, रानी बड़ौद, इकलेरा, काकडदा , छिनोद, मेहरावताष रानी बड़ौद, रेलावन ,बारां सहित आसपास के दर्जनों गांव से दर्शको का फूलडोल देखने उमड़े.
137 वर्ष पूर्व सक्सेना परिवार द्वारा पुत्री नहीं होने पर तुलसी के बिरवै को पुत्री मानकर भगवान श्री चारभुजा नाथ का विवाह किया गया था तब से ही कस्बे वासी यह परंपरा लगातार 137 वर्षों से निर्वाह करते आ रहे हैं. कार्यक्रम का शुभारंभ बुधवार को काला गोरा स्वांग के निकलने के साथ से शुरू हुआ, इसके दोपहर के बाद विभिन्न वेशभूषा पर आधारित तमाम स्वांग, तमाशों का निकलना शुरू हुआ. जिनमें काला गोरा , बांडा बांडी, गिद्ध रावण युद्ध, ढोला मारू, साधुओं की जमात, अभिमन्यु चक्रव्यूह आदिवासी नृत्य दूल्हे की बारात गड़िया लुहार, दूल्हे की बारात, आदि सॉन्गो ने दर्शकों का मन मोहा.
रात्रि को 11:00 बजे 137 वां फूल फूलडोल लोकोत्सव का मुख्य समारोह कटारिया के चौक में आयोजित किया गया. इस समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व विधायक ललित मीणा, उप प्रधान गिरीश धाकड़,अध्यक्षता पटेल मनोज चौधरी द्वारा की गई. इसके बाद कुत्रीमहाथी पर विराजमान भगवान चारभुजा नाथ की अतिथियों द्वारा आरती उतारी गई. इसके बाद श्री गणेश जी की झांकी को हरी झंडी दिखाकर शोभायात्रा का शुभारंभ किया गया.
उद्घाटन बाद ही विभिन्न पात्रों पर सजी धजी तमाम देवी देवताओं की झांकियां निकलना शुरू हुई. जो कस्बे के मुख्य मार्गों से गुजरती हुई बैंड बाजे आतिशबाजी के साथ भगवान श्री चतुर्भुज नाथ की बरात के रूप में निकली, भगवान चारभुजा नाथ के विमान की जगह जगह पर कई समाजों के लोगों द्वारा जगह जगह पर आरती उतारी गई, कुत्रीम हाथीपरविराजमान महंत द्वारा कस्बे के लोगों से गुलाल की होली खेली गई 5:00 बजे करीब भगवान श्री चतुर्भुज नाथ की बारात स्वर्गीय अयोध्या प्रसाद सक्सेना परिवार के यहां पहुंची जहां पर होली के फाग व रसिया गाए. उसके बाद भगवान श्री चतुर्भुज नाथ की आरती उतारी गई फिर दोनों ओर से जमकर गुलाल की होली खेली गई इसी के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।