Anta By Election News: अंता विधानसभा उपचुनाव में नरेश मीणा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में कदम रखा है और 14 अक्टूबर 2025 को नामांकन दाखिल करेंगे. नरेश, जो नयागांव के किसान परिवार से हैं, ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर खुद को "किसान का बेटा" बताते हुए अंता की जनता से सवाल किया.
Trending Photos
&w=752&h=564&format=webp&quality=medium)
Naresh Meen Anta By Election News: राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. कांग्रेस के युवा नेता नरेश मीणा ने पार्टी टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में कूदने का ऐलान किया है. वे 14 अक्टूबर 2025 को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. नरेश, जो बारां जिले के नयागांव के रहने वाले हैं और किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं, ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा कर जनता से अपील की है. उन्होंने खुद को "किसान का बेटा" बताते हुए कहा कि अंता की जनता को तय करना है कि विधायक के रूप में किसान बेटे को चुनें या "सेठ के घर पैदा हुए सेठ" को. यह पोस्ट राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि इससे नरेश की बगावत और ग्रामीण मुद्दों पर फोकस साफ झलकता है.
सोशल मीडिया पोस्ट… अंता की जनता तय करेगी
नरेश मीणा ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया: "मैं किसान के घर में पैदा हुआ खुद एक किसान हूँ! अंता की जनता को यह तय करना है कि उन्हें किसे विधायक चुनना है, एक किसान के बेटे को या सेठ के घर में पैदा हुए सेठ को..!" यह पोस्ट वायरल हो रही है और नरेश के समर्थकों ने इसे रीट्वीट कर किसान-मजदूर वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश की है. नरेश का यह बयान कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया पर अप्रत्यक्ष निशाना साधता नजर आता है, जो व्यापारिक पृष्ठभूमि से हैं. नरेश ने राहुल गांधी को भी टैग कर कहा कि वे अंता के किसानों की आवाज बनेंगे. इससे उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला तय हो गया है, जहां भाजपा के कंवर लाल मीणा पहले से मैदान में हैं.
राजनीतिक सफर, बगावत और विवादों से घिरा नाम
नरेश मीणा का राजनीतिक सफर विवादों से भरा रहा है. वे राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व महासचिव हैं और 2023 में छबड़ा-छीपाबड़ौद से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़े, जहां 44 हजार वोट हासिल कर हार गए. देवली-उनियारा उपचुनाव में एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के मामले में जेल गए, जहां 23 से अधिक एफआईआर उनके खिलाफ दर्ज हैं. कांग्रेस ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. फिर भी, नरेश का दावा है कि वे मीणा समाज और किसान हितों के लिए लड़ रहे हैं. उनके पिता कल्याण सिंह मीणा 30 साल सरपंच रहे, जो उनकी ग्रामीण छवि को मजबूत करता है.
उपचुनाव का महत्व, वोट बैंक पर सेंध
अंता सीट पर 11 नवंबर को मतदान होगा. नरेश की निर्दलीय उम्मीदवारी से कांग्रेस के वोट बंट सकते हैं, जो भाजपा के लिए फायदेमंद हो सकती है. नरेश ने कहा कि वे किसानों की समस्याओं—जैसे पानी की कमी और कर्ज—पर फोकस करेंगे. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बगावत स्थानीय स्तर पर सियासी समीकरण बदल सकती है. नरेश के समर्थक रैलियां कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने उन्हें नामांकन वापस लेने की चेतावनी दी है. यह उपचुनाव राज्य सरकार की लोकप्रियता की भी कसौटी बनेगा.
राजस्थान की ताज़ा ख़बरों के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Rajasthan News और पाएं Baran News हर पल की जानकारी. राजस्थान की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!