11 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करके राजस्थान में बाड़मेर नगर परिषद बनी नंबर वन, आयुक्त ने टीम वर्क को दिया श्रेय
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11 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करके राजस्थान में बाड़मेर नगर परिषद बनी नंबर वन, आयुक्त ने टीम वर्क को दिया श्रेय

बाड़मेर की नगर परिषद ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में कीर्तिमान स्थापित कर लिया है. राजस्व अर्जित करने के मामले में नगर परिषद बाड़मेर राज्य भर में अव्वल आई है, तो संपूर्ण कार्यों में राज्य भर में चौथे स्थान पर है. 

 बाड़मेर नगर परिषद.

Barmer: जिले वासियों के लिये एक अच्छी खबर है. दरअसल बाड़मेर की नगर परिषद ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में कीर्तिमान स्थापित कर लिया है. राजस्व अर्जित करने के मामले में नगर परिषद बाड़मेर राज्य भर में अव्वल आई है, तो संपूर्ण कार्यों में राज्य भर में चौथे स्थान पर है. नगर परिषद आयुक्त योगेश आचार्य ने इस सफलता का श्रेय विधायक मेवाराम जैन के सानिध्य में सभापति दिलीप माली, उप सभापति सुल्तान सिंह देबड़ा सहित अपनी टीम को दिया.

आयुक्त योगेश आचार्य ने बताया कि नगर परिषद बाड़मेर राज्य सरकार की गाइड लाइन अनुसार कार्य कर रही है. लोगों के आवेदनों को समय पर निस्तारित करने के साथ उन्हें पट्टे जारी किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब तक कृषि भूमि के 1100 ,69A के 2369 पट्टे, कच्ची बस्ती नियमन के 104 पट्टे, स्टेट ग्रांट के 250,सिवाय चक आदि के 1019 पट्टे जारी किए गए हैं. 

उन्होंने बताया कि कुल पट्टों के 5459 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 23 आवेदन स्वीकृति लायक नहीं थे, शेष 4832 आवेदकों को पट्टे जारी कर ग्यारह करोड़ उन्नीस लाख 896 रुपये का राजस्व अर्जित किया. उन्होंने बताया कि लक्ष्य के विरुद्ध हमने 88.94 फीसदी सफलता अर्जित की. जिसका श्रेय नगर परिषद की टीम को जाता है. विधायक मेवाराम जैन और सभापति दिलीप माली के सकारात्मक सहयोग से हम अपने लक्ष्य में सफल रहे हैं. आयुक्त ने विश्वास जताया कि जल्द ही राजस्थान में नंबर वन पर बाड़मेर होगी. 

गौरतलब है कि बाड़मेर नगर परिषद में जब से आयुक्त का कार्यभार योगेश आचार्य ने संभाला तो परिषद के कार्यो ने गति पकड़ ली. इस बार आम जनता की विश्वास पर नगर परिषद खरा उतरा है.

आयुक्त आचार्य ने बताया कि नगर परिषद द्वारा भवन निर्माण से संबंधित 234 प्रकरणों का निस्तारण,नाम हस्तांतरण के 439 प्रकरण,भूखंडों के उप विभाजन पुनर्गठन के 42 प्रकरणों,खांचा भूमि के 13 प्रकरणों, और लीज से संबंधित 102 प्रकरणों का निस्तारण किया गया. वहीं, जन्म मृत्यु के 7909 प्रकरणों, इंदिरा गांधी क्रेडिट कार्ड योजना के 1606 प्रकरणों, सामाजिक सुरक्षा योजना पेंशन के 347 ,अन्य विभागों से संबंधित 22579 प्रकरणों का निस्तारण किया गया.

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