Barmer: जिला कलेक्टर लोक बंधु के नवाचार मिशन सुरक्षा चक्र की बदौलत जिले में कुपोषण से प्रभावितों की पहचान कर न केवल उनका उपचार आरम्भ हुआ बल्कि उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से लाभान्वित किया अब जाकर दोहरा लाभ मिल रहा है. दरअसल बाडमेर जिले में कुपोषण और एनीमिया की दर को कम करने के लिये जिला कलेक्टर लोक बंधु ने एक नवाचार मिशन सुरक्षा चक्र की शुरुआत की है.


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जिसका मुख्य उद्देश्य जिले में कुपोषित और एनीमिक रोगियों को सुचारु ईलाज प्रदान करना और समय से पहले इसकी पहचान करके उसे रोकना है. भारत सरकार द्वारा कराये गये राष्ट्रीय परिवार कल्याण सर्वे में दर्षाए आंकड़ों के अनुसार जिले में कुपोषण और अनीमिया की दर काफी अधिक है, जिसे कम करने के लिए जिला कलेक्टर लोकबंधु ने मई 2022 में मिशन सुरक्षा चक्र की शुरूआत की.


कलेक्टर ने बताया कि मिशन सुरक्षा चक्र के तहत 5 वर्ष तक के बच्चों में कुपोषण की जांच और 19 वर्ष की आयु तक के सभी बालक-बालिकाओं, 19 वर्ष से उपर की महिलाओं में अनीमिया की पहचान करने का लक्ष्य तय किया गया है. इस अभियान के तहत 2.79 लाख बच्चों की कुपोषण के लिए जांच की गयी, जिसमें 542 बच्चें अति कुपोषित, और 6039 बच्चें कुपोषित पाये गये.
कुपोषण के ईलाज के लिए मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है.


1. अति कुपोषित बच्चे किसी गंभीर बीमारी के साथ.
2. अति कुपोषित बच्चे बिना किसी गंभीर बीमारी के.
3. कुपोषित बच्चे.


अति कुपोषित बच्चों का इलाज बच्चो के चिकित्सकों की देखरेख में हो रहा है और केयर्न वेदान्ता फाउन्डेषन द्वारा अति कुपोषित बच्चो को अतिरिक्त पोषण के रूप में लड्डू का वितरण भी किया जा रहा है. मिशन में मात्र 3 महीनो में 542 अति कुपोषित बच्चों में से 343 बच्चे सामान्य स्थिति में आए और 6039 कुपोषित से 3466 बच्चे सामान्य स्थिति में आये.


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152 बच्चे जिनको उच्च स्तर के अस्पतालों में इलाज की जरूरत थी, उनका इलाज बाड़मेर मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल बालोतरा, सिणधरी, धोरीमन्ना, समदड़ी और बायतु में किया गया. धोरीमन्ना ब्लॉक में थानाराम के पिता अम्माराम ये बताते हुए फुले नहीं समा रहे थे कि मेरा बेटा अति कुपोषित था, उसका इलाज डॉक्टरों की देख रेख में मेडिकल कॉलेज में हो रहा था,  मंगलवार को उसका 1.7 किलो वजन भी बढ़ गया है, वो अब खाना भी खा पा रहा है, पहले तो हमने तो इसके जिन्दा रहने की उम्मीद छोड़ ही दी थी, इसी तरह अनेको खुश चेहरे मालनुट्रिशन ट्रीटमेंट सेंटर में अपना इलाज कराकर डिस्चार्ज किये गए.


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इसी अभियान के साथ अनीमिया रोकथाम हेतु 12.43 लाख 19 वर्ष तक के बालक बालिकाओं और19 वर्ष से उपर की आयु की 7.62 लाख महिलाओं में अनीमिया की जांच की गयी. उक्त जांच में 1.34 लाख लोगों में अनीमिया पाया गया, साथ ही में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से 43466 गर्भवती महिलाओं की भी अनीमिया हेतु जांच करायी जा रही है. कलेक्टर लोकबंधु बताया कि पिछले 3 महीनो की मेहनत से हम 156752 एनीमिया ग्रस्त लोगो में से 121081 लोगो को अनीमिया से सामान्य स्थिति में ला सके है जिसमे 13970 गर्भवती महिलाएं थीं.


इन सब के इलाज़ में 460 लोगो को ब्लड ट्रांस्फ्यूजन, 5817 लोगो को आयरन सुक्रोस का इंजेक्शन, 118139 लोगो का आयरन की गोली द्वारा इलाज और 17612 बच्चो को आयरन की दवाई से इलाज किया गया. फराह, सवाई सिंह, प्रमिला, पप्पू देवी, दाई, भावना जैसे अनेको बच्चों और महिलाओं का हीमोग्लोबिन लेवल खतरे से लेवल से सामान्य हुआ है. हर संस्थान ऐसे अनेको रोगियों के सफलता की कहानियां विभाग के साथ साझा कर रहा है.


बाड़मेर जिला कलेक्टर द्वारा कुपोषण में पोषण तत्व के अलावा उस परिवार की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति की भी जांच की गई. जिससे ऐसे परिवारो को प्राथमिकता से सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराई जा सके. उन्हें सरकारी योजनाओ का लाभ दिलाया जा सके. ऐसे चिनिहत परिवारों को सामाजिक सुरक्षा सरकारी योजना योजना से लिंक कर उनका आर्थिक उन्नयन किया गया.


चिह्नित 1667 परिवारों को महात्मा गांधी नरेगा योजना में रोजगार दिया गया, तो 347 परिवारों को नरेगा में व्यक्तिगत लाभ योजना के काम दिए गए. वहीं, 793 परिवारों को स्वच्छ भारत मिशन में सहायता उपलब्ध कराई गई. इसी तरह 207 परिवारों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं से जोड़ा गया. इसी तरह 347 परिवारों को भूमिहीन होने पर आबादी भूमि का पटटा दिया गया और 832 परिवारों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना में पंजीयन कर सवास्थ सुरक्षा प्रदान की गई.


जिला कलेक्टर लोक बंधु ने स्वयं प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक आंगनवाड़ी को सुदृढ करने के लिए बीडा उठाया है, जिसमें वह निजी प्ले-ग्रुप स्कूल की तर्ज पर बच्चों को खिलौने, बैठने की उत्तम व्यवस्था, पोषण वॉल बनायी जा रही है. कलेक्टर बंधु का मानना है बाडमेर में पोषण के लिए स्थानीय स्तर पर ही अनेको अनाज और सब्जियां उपलब्ध है, यदि घर घर तक इसके सेवन एवं पोषण तत्वों के बारे में बताया जाये तो हम सब मिलकर जिले को कुपोषण मुक्त कर पायेंगें. जिसे लेकर सभी जिलेवासियों को आगे आना चाहिए.


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