सरकार ने भले ही 15 मई से अवैध खनन के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई को लेकर अभियान की शुरुआत की है, लेकिन बाड़मेर के बालोतरा उपखण्ड में इसका असर न के बराबर ही नजर आ रहा है. रिफाईनरी निर्माण के चलते पचपदरा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निजी बिल्डरों द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है,
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पचपदरा: सरकार ने भले ही 15 मई से अवैध खनन के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई को लेकर अभियान की शुरुआत की है, लेकिन बाड़मेर के बालोतरा उपखण्ड में इसका असर न के बराबर ही नजर आ रहा है. रिफाईनरी निर्माण के चलते पचपदरा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निजी बिल्डरों द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है,कई आवासीय कॉलोनियों के भूखंडों के लिए सड़कों का निर्माण जारी है. जिसके लिए आसपास के क्षेत्रों में खनन माफिया बैखोफ होकर गोचर व सरकारी भूमि को खोदने में लगे हुए हैं.
खनन माफिया बिना किसी सक्षम अनुमति या एसटीपी के बड़े पैमाने पर रेती और ग्रेवल खनन करने में लगे हुए हैं.ऐसा ही एक मामला कल्याणपुर पंचायत समिति के रोड़वा कल्ला ग्राम पंचायत में सामने आया, गांव के जनप्रतिनिधि व ठेकेदार गांव के गोचर में अवैध रूप से ग्रेवल का खनन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरपंच और ठेकेदार बिना किसी एसटीपी के गांव के गौचर और नाड़ी में बड़े पैमाने पर अवैध खनन कर रहे है, वहां से खनन किये गए ग्रेवल को सड़कों और अन्य जगह उपयोग में लेकर राजस्व का चूना लगा रहे है.
पूरे मामले में को लेकर जब सरपंच से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गांव की नाड़ी में गहरीकरण को लेकर मनरेगा के तहत कार्य किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि अगर मनरेगा के तहत कार्य स्वीकृत है, तो मजदूरों की जगह बड़े पैमाने पर मशीनरी का उपयोग क्यो किया जा रहा है? ग्रामीणों ने अवैध खनन को लेकर उपखण्ड अधिकारी,विकास अधिकारी और खनन विभाग को भी शिकायतें भेजी,
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दो माह बीत जाने पर भी कोई कार्यवाही नही होने से अवैध खननकर्ताओं द्वारा बैखोफ होकर खनन किया जा रहा है. बालोतरा उपखण्ड की लूनी नदी में भी अवैध बजरी खनन बदस्तूर जारी है,उपखण्ड के कनाना,सराणा,बिठुजा,तिलवाड़ा,गोल आदि गांवो में बजरी का अवैध खनन जारी है. आये दिन रॉयल्टी टीमो व खनन माफियाओं में आपसी मारपीट के मामले सामने आ रहे है. अवैध खनन को लेकर बाड़मेर जिला कलेक्टर ने संयुक्त अभियान के निर्देश भले ही दिए हो लेकिन बालोतरा उपखण्ड में यह अभियान महज कागजी अभियान ही साबित हो रहा है.
रिपोर्टर-भूपेश आचार्य