बाड़मेर जिले के ग्रामीण इलाके से आने वाली महिला कॉन्स्टेबल की बेटी सोनू चौधरी 98.33% लेकर आई. सोनू चौधरी का कहना है कि मेरा सपना है कि मैं आईएएस बनूं और गांव और मेरे परिवार का नाम रोशन करूं.
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Barmer: माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी किए गए दसवीं के परीक्षा परिणाम में महिला कॉन्स्टेबल की बेटी सोनू ने 98.33% अंक हासिल कर बाड़मेर जिले में प्रथम स्थान हासिल करने में कामयाब रही है. इसके बाद से ही लगातार सोनू को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है और सोनू चौधरी की इस कड़ी मेहनत की हर कोई तारीफ कर रहा है.
बाड़मेर जिले के ग्रामीण इलाके से आने वाली महिला कॉन्स्टेबल की बेटी सोनू चौधरी 98.33% लेकर आई. सोनू चौधरी का कहना है कि मेरा सपना है कि मैं आईएएस बनूं और गांव और मेरे परिवार का नाम रोशन करूं. सोनू बताती है कि वह हिंदी में थोड़ी कमजोर थी लेकिन उसकी मां जब भी ड्यूटी से घर आती थी तो हिंदी को लेकर वह अच्छे से सोनू को गाइड किया और पढ़ाई करवाती थी. उसी की बदौलत हिंदी में 100 अंक प्राप्त किये.
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परिजनों में छाई अलग ही खुशी
जब सोनू और उसके परिवार को यह पता चला कि पूरे जिले में प्रथम रैंक हासिल की है तो परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. नानी से लेकर मासी सभी सोनू को बधाइयां दे रहे थे. दोनों की नानी बताती है कि सोनू शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थी और इसीलिए उसने इतने अच्छे अंक हासिल किए है. वह बड़ी होकर अफसर बनेगी.
पढ़ाई से रहा हमेशा लगाव
सोनू चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि शुरू से ही उसका लगाओ पढ़ाई के प्रति रहा है. ऐसा कुछ भी नहीं है कि प्रतिदिन लगातार कुछ घंटे पढ़ती रहती थी. जब भी मौका मिलता है. साथ में खेलकूद भी हिस्सा लेती रहती है. आज के समय में लड़के और लड़कियों में कोई फर्क नहीं है लड़कियां लड़कों से ज्यादा आगे है और उसी का उदाहरण मैं हूं मेरा परिवार ने कभी भी मेरे और मेरे भाई मैं फर्क नहीं समझा गांव से आने वाली बेटियों को आगे बढ़ाना चाहिए.
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