बाड़मेर न्यूज: बढ़ती आत्महत्याओं पर युवा सरपंच डॉ.जीत परमार ने उपन्यास रेगिस्तान का रांझणा लिखा है. ये एक प्रेम कहानी है जो कहती है कि प्यार दहकते आग का दरिया है.
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Barmer: हमारे देश की मिट्टी में एक तरफ जहां वीरों का खून मिला है,वहीं एक हिस्सा उन प्रेमियों के लहू से भी सना हुआ है,जिन्होंने दुनिया को प्रेम का असल मतलब समझाया. प्रेम करना भले ही आसान हो सकता है, मगर इसे निभाना आसान नहीं.
कुछ ऐसी ही एक प्रेम कहानी ‘रेगिस्तान का रांझणा’ क है. यह प्रेम कहानी बताती हैं कि प्रेम ठंडे पानी का चश्मा नहीं, बल्कि दहकते आग का दरिया है. इस प्रेम कहानी में मुख्य केंद्र बिंदु आत्महत्या को लेकर है. कहानी एक रेगिस्तानी प्रेमी की है जो असंख्य उम्मीदों, अरमानों, सपनों, ख्वाहिशों और आशाओं से लदी है. एक ऐसी कहानी जो अल्फाजों, जज्बातों और अहसासों से चलती है और अंत में इसी रेगिस्तान की मिट्टी में मिलकर रह जाती है. आखिर में एक सवाल जो हर किसी के जहन में उठता है वह है ‘यह आत्महत्या क्यों’,उपन्यास की कहानी कबीर नाम के एक विद्यार्थी के इर्द गिर्द घूमती है.
जिसमें लेखक ने युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति, तेज गति व लापरवाही से वाहन चलाना और किस प्रकार एक युवा वास्तविक लक्ष्य से भटक जाता है, को लेकर अपने विचार लिखे हैं. मुख्य रूप से उपन्यास में ‘आत्महत्या क्यों’ यह बताने का प्रयास किया है कि आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है जबकि समझदारी से हर मुसीबत का हल संभव है. इसके अलावा इसमें हिन्दू- मुस्लिम भाईचारे का संदेश दिया गया है,गौरतलब है कि डॉ.जीत परमार के नाम राजस्थान के सबसे युवा सरपंच का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है तथा साहित्य के क्षेत्र में भी बेहतर काम कर चुके है.
इस उपन्यास में 197 पेज और 15 अध्याय है. इतना ही यह उपन्यास ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध है. ऑनलाइन प्लेटफार्म फ्लिपकार्ट, अमेजन पर भी यह उपन्यास उपलब्ध है. इससे पहले डॉ जीत परमार की साल 2019 में ‘सोनल-काव्य संग्रह’ नाम से पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है.
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