बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना क्षेत्र के कारतला गांव के युवाओं ने वन्यजीवों के बचाव को लेकर अनोखी पहल की है. युवाओं ने मिलकर करीब 2 साल से घायल वन्यजीवों को रेस्क्यू कर, उनका उपचार कर रहे है.
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Barmer City: बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना क्षेत्र के कारतला गांव के युवाओं ने वन्यजीवों के बचाव को लेकर अनोखी पहल की है. युवाओं ने मिलकर करीब 2 साल से घायल वन्यजीवों को रेस्क्यू कर, उनका उपचार कर रहे है. अब तक 300 से अधिक वन्यजीवों को वह रेस्क्यू कर जीवनदान दिया है. युवाओं को जैसे ही जंगली क्षेत्रों में वन्यजीवों के घायल होने की सूचना मिलती है, वह तुरंत उसे कातरला में बने रेस्क्यू सेंटर लाकर उनका इलाज करते हैं.
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रेस्क्यू सेंटर में हिरणों के कुनबे, अन्य वन्य जीवों के सरंक्षण के सहराहनीय कामों को देखकर प्रवासी जीव प्रेमी भी यहां आकर, वन्यजीवों की देखभाल करते है, इतना ही नहीं क्षेत्र के लोग भी बड़ी संख्या में रेस्क्यू सेंटर आते हैं और पशु-पक्षियों के लिए चारा व दाना-पानी की व्यवस्था करते हैं.
रेस्क्यू सेंटर के लिए दान दी जमीन
बता दें कि गांव के युवाओं को वन्य जीवों के प्रति प्यार को देखकर किसान सगरामाराम भी अभिभूत हो गए. उन्होंने अपने खेत में रेस्क्यू सेंटर खोलने के लिए 1 बीघा जमीन अमृता देवी वन्य जीव संरक्षण संस्थान के नाम कर दी. जहां वर्तमान में रेस्क्यू सेंटर है. इसके साथ गांव के युवाओं ने मिलकर रेस्क्यू सेंटर को विस्तार करने को लेकर भी कदम उठाए हैं अब जल्द ही सभी प्रकार की सुविधाओं से लैस रेस्क्यू सेंटर तैयार किया जाएगा.
धोरीमन्ना में सरकारी रेस्क्यू सेंटर में वन्यजीवों के इलाज के लिए कोई सुविधा नहीं है, जिसको लेकर युवाओं में मन में कुछ करने की आस जगी. युवाओं की टोली बनाकर कार्य को आगे बढ़ाया और कातरला में रेस्क्यू सेंटर खोला जहां अब तक 700 रेस्क्यू ऑपरेशन किए गए जिनमें से 300 से अधिक वन्यजीवों को इलाज के बाद जीवनदान मिला है.
Reporter: Bhupesh Acharya