भरतपुर में रुपवास नगर पालिका की चेयरमैन बबीता कुमारी ने खेला बड़ा खेल - बीजेपी को दिया जोर का झटका
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भरतपुर में रुपवास नगर पालिका की चेयरमैन बबीता कुमारी ने खेला बड़ा खेल - बीजेपी को दिया जोर का झटका

जिले की नव गठित रूपवास नगर पालिका की पहली चेयरमैंन भाजपा की बबीता कुमारी चुनी गई लेकिन अध्यक्ष चुने जाने के बाद ही उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया.

रुपवास नगर पालिका की चेयरमैन बबीता ने बीजेपी को झटका देकर कांग्रेस का दामन थामा

देवेन्द्र सिंह,भरतपुर:  जिले की नव गठित रूपवास नगर पालिका की पहली चेयरमैंन भाजपा की बबीता कुमारी चुनी गई.लेकिन अध्य्क्ष चुने जाने के बाद ही उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया है कांग्रेस व निर्दलीय प्रत्याशी के नामांकन वापिस लेने के चलते भाजपा की बबीता कुमारी को निर्विरोध अध्यक्ष घोषित कर दिया गया  लेकिन उन्होंने अप्रत्याशित ढंग से सबको चोंकते हुए शपथ के बाद ही कांग्रेस के हाथ को थाम लिया खुद भाजपा के नेताओं में से भी किसी को यकीन नहीं था कि जिसको पार्टी ने सिम्बल देकर अपना उम्मीदवार बनाया वहीं उन्हें गच्चा देते हुए कांग्रेस का दामन थाम लेंगी लोगों का कहना है कि कांग्रेस व निर्दलीय प्रत्याशी ने सशर्त नामांकन वापिस लिया जिसमे तय था कि उनके निर्विरोध निर्वाचन के बाद वह कांग्रेस जॉइन करेंगी और हुआ भी वही. 
कहा जा रहा है कि यह सब कांग्रेस के तीन मंत्रियों की रणनीति की वजह से हुआ इनमें से दो मंत्री तो खुद इस पूरे घटनाक्रम के गवाह बने और उन्होंने शपथ के बाद नव निर्वाचित अध्य्क्ष बबीता कुमारी को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई और रुपवास में कांग्रेस के बोर्ड के गठन पर मोहर लगा दी.शपथ ग्रहण के बाद मंत्री डॉ सुभाष गर्ग व भजनलाल जाटव ने पत्रकारों से कहा कि बबीता कुमारी निर्दलीय के रूप में पार्षद चुनी गई लेकिन उन्होंने भाजपा के सिम्बल पर चेयरमैन का नामांकन दाखिल किया हालांकि उनके विचार कांग्रेस से मेल खाते हैं और उन्होंने शहर के विकास के लिए कांग्रेस से जुड़ने की इच्छा जाहिर की इसके बाद घर वापसी के रूप में उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली है .वहीं पालिकाध्यक्ष बबीता कुमारी ने कहा कि विकास के लिए वह भाजपा छोड़कर कांग्रेस से जुड़ी है.
रूपवास नगर पालिका में पार्षद पद के लिए पहली बार वोटिंग हुई नगर पालिका के 25 वार्डो पर चुनाव हुआ जिसमें 6 कांग्रेस के प्रत्याशी, 6 बीजेपी के प्रत्याशी और 13 निर्दलीय पार्षद जीते थे .पालिकाध्यक्ष का पद एससी महिला के लिए आरक्षित था .जिसके बाद सभापति की दावेदारी के लिए कांग्रेस से अर्चना, बीजेपी से बबीता कुमारी और निर्दलीय रूपकला ने अध्य्क्ष पद के प्रत्याशियों के रूप में  दावेदारी पेश की थी . रूपवास नगरपालिका में निर्दलीय पार्षद के ज्यादा जीतने के बाद सभी को लग रहा था अबकी बार निर्दलीय बोर्ड बनेगा.लेकिन शनिवार को बोर्ड के गठन होने से पहले मंत्री सुभाष गर्ग और भजन लाल जाटव रूपवास पहुंचे दोनों के रूपवास पहुंचने के बाद एक रणनीति तैयार की गई, जिसके बाद कांग्रेस का बोर्ड बन गया और बबिता को सभापति चुन लिया गया. वहीं, दोनों मंत्रियों ने सबसे पहले सभापति की दावेदारी के लिए भरे गए कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों के नामांकन वापस कराए और निर्विरोध बीजेपी की बबीता को सभापति के लिए चुन लिया गया.
इधर इस घटना के बाद गुटों में बंट चुकी भाजपा के नेता अब इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगा रही है कि डरा धमकाकर प्रशासन के सहयोग से कांग्रेस ने भाजपा की जीती हुई अध्य्क्ष को कांग्रेस में शामिल कराया है.यही नही भाजपाई नेताओ का दावा है कि सत्ता के डर की वजह से उनकी जीती हुई प्रत्याशी को जबरन कांग्रेस जॉइन कराया गया । बात कुछ भी हो लेकिन भाजपा की गुटबाजी ने 25 साल से निकाय पर काबिज भाजपा को बैकफुट पर ला दिया है

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