भरतपुर: 700 गांवों में 3 हजार से ज्यादा गाय लंपी स्किन की चपेट में, 100 से अधिक की मौत
भरतपुर जिले में लंपी वायरस का कहर तेजी से फैल रहा है. पिछले एक महीने के दौरान 700 गांवों में 4 हजार से ज्यादा पशु इसकी चपेट में हैं, जबकि 100 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है.
Bharatpur: राजस्थान के भरतपुर जिले में लंपी वायरस का कहर तेजी से फैल रहा है. पिछले एक महीने के दौरान 700 गांवों में 4 हजार से ज्यादा पशु इसकी चपेट में हैं, जबकि 100 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है. हालांकि पशुपालन विभाग का दावा है कि 3 हजार पशु बीमार हैं और 93 गायों की अब तक इस डिजीज से मौत हुई है. चूंकि यह कोरोना की तरह ही वायरल डिजीज है इसलिए यह पशुओं में तेजी से फैल रही है.
जिले में सबसे पहले इसे नगर निगम की गौशाला में ट्रांजिट होकर आई 3 गायों में इसको ट्रेस किया गया था. चूंकि भरतपुर सीमावर्ती राज्य है इसलिए यहां पर बाहर के पशुओं का आना जाना होता है. खास तौर से जो गौवंश गोशालाओं में है और उसकी ट्रेवल हिस्ट्री है, वहां पर यह ज्यादा दिखाई दे रहा है. भरतपुर विधायक और तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ सुभाष गर्ग और पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने इसकी रोकथाम के लिए अपने-अपने विधायक कोष से 20 -20 लाख रुपये की वित्तीय राशि दवाईयों की खरीद के लिए जारी किया है. कलक्टर भरतपुर आलोक रंजन द्वारा इसके लिए विभाग को अलग से खरीद के निर्देश जारी किए हैं.
बयाना उपखंड में भी लंपी के बढ़ते प्रकोप से पशुपालकों में हड़कंप है. अभी भी परौआ, जैसौरा, तरसुमा, खैरैरी, बरखेड़ा, आदि गांवों और नगर पालिका क्षेत्र में गोवंश चपेट में हैं. खेड़ा ठाकुर, मड़ौली में स्वस्थ गोवंश का टीकाकरण किया जा रहा है. पशुपालकों को सलाह दी है कि उन्हें नीम गिलोय, तुलसी के पत्ते, हल्दी, सोंठ, दालचीनी, पान के पत्ते, गुड़ में मिलाकर सुबह शाम खिलाएं. बयाना के नोडल प्रभारी डॉ गिरीश का कहना है कि नगर पालिका क्षेत्र के निराश्रित गोवंश के लिए पशु चिकित्सालय में आइसोलेशन सेंटर बनाया है.
प्रदेश में फैल रहा लंपी वायरस का प्रकोप नदबई शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में भी गायों के लिए प्रकोप बन रहा है. आवारा गायों में लंपी वायरस फैलने से पालतू गाय भी वायरस की चपेट में आ रही हैं. लंपी वायरस की चपेट से ग्रामीण क्षेत्र में गायों की मौत हो रही. विभागीय सूत्रों की मानें तो नदबई शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में करीब 376 गाय लंपी वायरस की चपेट से ग्रस्त है, तो करीब एक दर्जन से अधिक गायों की लंपी वायरस से मौत हो गई. हालांकि, चिकित्सा विभाग के अधिकारी गांव-गांव में संपर्क कर पशुपालकों को लंपी वायरस से बचाव करने के लिए जागरूक करने और लंपी वायरस से ग्रसित गाय का उपचार करने का दम भर रहे.
पशुपालकों को लंपी वायरस से ग्रसित गाय को आईसोलेट करने और अन्य पशुओं से दूर करने का सुझाव दिया जा रहा, लेकिन, जमीनी हकीकत में ग्रामीण क्षेत्र में लंपी वायरस का प्रकोप थमता नहीं दिख रहा. लंपी वायरस के चलते पशु पालकों में भी खासी चिंता बनी हुई है. पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश चौधरी ने निजी पशु शिक्षा केंद्र के विद्यार्थियों की सहायता से गांव-गांव में लोगों को लंपी वायरस से पशुओं को बचाने के लिए जागरूक करने और सर्वे करते हुए पशुओं का उपचार करने के बारे में बताया.
भरतपुर के डीग ,कामां, पहाड़ी ,सीकरी सहित मेवात इलाके में लंपी वायरस डिजीज तेजी से फैल रहा है. कारण वहां पर गोवंश की ज्यादा ट्रेवल हिस्ट्री होना है, इस इलाके में गौतस्करी की घटना होती हैं. इससे भी कई बार बीमार गायें यहां पहुंच जाती हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाली गायों में यह रोग पहुंच रहा है.
Reporter-Devendra Singh
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