भरतपुर के वैर कस्बे के मैना बास में एक ही परिवार के 13 जने फूड पॉयजिंग का शिकार हो गए, जिनमें 8 बच्चे भी शामिल है. पीड़ित रामकिशन सैनी ने बताया कि गत दिवस उनके घर पर सुबह रिश्तेदार आने थे. जिनके आवभगत करने के लिए उन्होंने बास्योडा मनाने की सामग्री के साथ साथ आने वाले रिश्तेदारो की खातिर दारी के लिए गाजर का हलवा बनाया.
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Weir: राजस्थान के भरतपुर के वैर कस्बे के मैना बास में एक ही परिवार के 13 जने फूड पॉयजिंग का शिकार हो गए, जिनमें 8 बच्चे भी शामिल है. पीड़ित रामकिशन सैनी ने बताया कि गत दिवस उनके घर पर सुबह रिश्तेदार आने थे. जिनके आवभगत करने के लिए उन्होंने बास्योडा मनाने की सामग्री के साथ साथ आने वाले रिश्तेदारों की खातिर दारी के लिए गाजर का हलवा बनाया. गाजर का हलवा बनाने के लिए बाजार से एक हलवाई की दुकान से मावा भी खरीद कर लाए थे.
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शीतला माता के भोग के लिए बनाई सामग्री का सोमवार को भोग लगाकर परिजनों ने खा लिया, लेकिन गाजर का हलवा रिश्तेदारों के लिए रखा था. दोपहर को किसी कारण वश रिश्तेदारों ने आने से मना कर दिया. जिस पर गाजर के हलवा को घर के बच्चों के लिए खाने के लिए कह दिया. जिस पर दोपहर बाद बच्चों और महिलाओं ने गाजर का हलवा खा लिया.
दोपहर बाद खाए गाजर के हलवा खाने के बाद धीरे-धीरे घर के बच्चों की तबियत खराब होने लगी और शाम होते होते बच्चों ने उल्टी करना शुरू कर दिया. महिलाएं भी ऐसा करने लग गई. निजी चिकित्सक को घर पर बुलाकर उपचार करवाया. सीएचसी वैर से भी चिकित्सकों की टीम ने घर पर पहुंचकर पीड़ितों की स्थिति देखकर उपचार किया
रामकिशन ने बताया कि उनके परिवार की रेखा, सोनम, बबली, चेतना, हर्षिता, गौरव, चुलबुल, बुलबुल, तमन्ना, तन्नू, कुलदीप सहित 13 जने फूड पॉयजनिंग का शिकार हुए हैं.