राजस्थान में भी अब लागू होगी इंटर स्टेट कार्ड पोर्टेबिलिटी, राशन लेना होगा आसान
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राजस्थान में भी अब लागू होगी इंटर स्टेट कार्ड पोर्टेबिलिटी, राशन लेना होगा आसान

पिछले महीने आंध्रप्रदेश-तेलंगाना और महाराष्ट्र-गुजरात का क्लस्टर बनाया था. दूसरे चरण में राजस्थान को शामिल किया गया है.

जून 2020 में पूरे देश में पोर्टेबिलिटी लागू की जाएगी.

जयपुर: कमाई के लिए दूसरे राज्यों में जाने वाले लोगों को राशन के गेहूं के लिए भटकाना नहीं पड़ेगा. उनको उस राज्य में ही कार्ड दिखाने पर राशन मिल जाएगा. यह संभव होगा एक देश-एक राशन कार्ड योजना से. यह योजना देशभर में अगले साल तक लागू हो जाएगी. अभी केन्द्र सरकार की इस योजना के दूसरे चरण में चार और राज्य केरल, कर्नाटक, राजस्थान व हरियाणा शामिल किए गए हैं. 

इसमें राजस्थान और हरियाणा का कलस्टर बनाया गया है. जिसके तहत अब राजस्थान के लोग हरियाणा में राशन की दुकानों से और हरियाणा की जनता राजस्थान की दुकानों से पोर्टेबिलिटी के अंतर्गत बगैर राशन कार्ड बदले गेहूं ले सकेगी. इन चारों राज्यों में इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी एक अक्टूबर से लागू होगी.

खबर के मुताबिक एक अक्टूबर से राजस्थान के लोग हरियाणा और हरियाणा के लोग राजस्थान की राशन दुकान से अनाज ले सकेंगे. 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना 1 जून 2020 से पूरे देश में लागू हो जाएगी. इस योजना के पूरी तरह से अमल में आने के बाद देश का कोई भी राशन कार्डधारक देश के किसी भी राज्य में किसी भी पीडीएस दुकान से अपना राशन खरीद सकेगा. 

वहीं इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ उन लोगों को मिलेगा, जो नौकरी के सिलसिले में दूसरे राज्यों में रहते हैं. ऐसे लोगों को अब स्थानीय स्तर पर राशन कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं होगी. महाराष्ट्र, गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, राजस्थान और त्रिपुरा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत होने के साथ पीओएस मशीन लगी होने से सबसे पहले इन राज्यों को आपस में जोड़ा जाएगा. बता दें कि पूरे देश में 4.25 लाख सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें हैं.

गौरलतब है कि पिछले महीने आंध्रप्रदेश-तेलंगाना और महाराष्ट्र-गुजरात का क्लस्टर बनाया था. दूसरे चरण में राजस्थान को शामिल किया गया है. राजस्थान में राशन व्यवस्था ऑनलाइन है. यहां पॉइंट ऑफ सैल (पोस) मशीनों से राशन वितरण होता है. एक जनवरी 2020 से केंद्र सरकार तीन और राज्य पंजाब, झारखण्ड और त्रिपुरा को शामिल करके 11 राज्यों का ग्रिड बनाएगी. यानी 11 राज्यों के लोग एक दूसरे के राज्य से राशन ले सकेंगे. 

साथ ही, मार्च 2020 में 13 और राज्य शामिल होंगे. जून 2020 में पूरे देश में पोर्टेबिलिटी लागू की जाएगी. इस योजना को पूरे देश में लागू करने के लिए सभी पीडीएस दुकानों पर पीओएस मशीनें लगाई जाएंगी. जैसे-जैसे राज्य पीडीएस दुकानों पर 100 फीसदी पीओएस मशीन की रिपोर्ट देंगे, वैसे-वैसे उन्हें 'वन नेशन,वन राशन कार्ड' योजना में शामिल किया जाएगा. इस योजना का मकसद लाभार्थियों को स्वतंत्रता देना है ताकि वे किसी पीडीएस दुकान से बंधे नहीं रहें. इससे दुकान मालिकों पर निर्भरता घटेगी और भ्रष्टाचार में कमी आएगी.

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