उदयपुर में 3 बच्चों के लिए मसीहा बनीं पुलिस, ली पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी
Advertisement

उदयपुर में 3 बच्चों के लिए मसीहा बनीं पुलिस, ली पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी

रामसागडा थाना पुलिस ने सामाजिक सरोकार निभाते हुए 3 अनाथ बच्चों को गोद लेते हुए उनके रहने खाने व शिक्षा से जोड़ने की जिम्मेदारी उठाई है.

पुलिस ने तीनों बच्चों को थाने बुलवाया और गोद लेते हुए उनकी जिम्मेदारी ली.

अखिलेश शर्मा/डूंगरपुर: प्रदेश में कई ऐसे वाकये हुए है जिससे राजस्थान की पुलिस की छवि आमजन में बिगड़ी है लेकिन प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले की पुलिस सामाजिक सरोकार से जुड़े कई ऐसे काम कर रही है जिसकी प्रशंसा हर कोई कर रहा है. पहले चितरी थाना पुलिस द्वारा एक अनाथ बेटी की शादी करवाई गई तो वहीं अब जिले की रामसागडा थाना पुलिस ने सामाजिक सरोकार निभाते हुए 3 अनाथ बच्चो को गोद लेते हुए उनके रहने खाने व शिक्षा से जोड़ने की जिम्मेदारी उठाई है.

डूंगरपुर जिले के रामसागडा थाना के पुलिस विभाग की ओर से चलाये जा रहे विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत दो भाई-बहिनों के साथ 3 अनाथ बच्चों की जिन्दगी सवारने का बीड़ा उठाया है. दरअसल रामसागडा थाना पुलिस के पास आड़ीवाट गांव के दो अनाथ भाई-बहिन पुष्पेन्द्र व हंसा के माता-पिता ने करीब दो साल पहले नाता प्रथा के तहत दोनों ने नाता विवाह कर लिया था और तब से दोनों भाई-बहिन अपने नाना के पास रह रहे थे. लेकिन नाना की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने से नाना द्वारा उनके देखभाल करने में परेशानी आ रही थी. 

ठीक इसी तरह गामडी अहाडा निवासी सुरेश कटारा की पिता की बीमारी के चलते मौत हो गई थी इसके बाद सुरेश की मां ने भी नाता विवाह कर लिया था और सुरेश उसके दादा के पास ही रह रहा था. सुरेश के दादा की भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से सरेश के लालन पालन में परेशानी आ रही थी. इधर जब दोनों मामले की जानकारी रामसागडा थानाधिकारी परमेश्वर पाटीदार को मिली तो थानाधिकारी परमेश्वर पाटीदार ने सामाजिक सरोकार निभाते हुए तीनों बच्चों को थाने बुलवाया और गोद लेते हुए उनकी जिम्मेदारी ली. 

थानाधिकारी परमेश्वर पाटीदार ने बताया तीनों बच्चों को गोद लेकर चाइल्ड लाइन व जिला बाल कल्याण समिति का सहयोग लेते हुए तीनों बेसहारा बच्चों को मुस्कान संस्थान में उनके रहने व खाने की व्यवस्था की. वहीं उनकी पढ़ाई की भी जिम्मेदारी ली हैं अब तीनों बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाते हुए उन्हें शिक्षा से जोड़ा जाएगा और उनके लालन-पालन में पुलिस पूरा सहयोग करेगी.

इधर रामसागडा पुलिस की इस पहल का जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव ने भी प्रशंसा की है. एसपी यादव ने कहा की पुलिस आगे भी इस तरह के सामजिक सरोकार से जुड़े मामलो में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाती रहेगी. डूंगरपुर पुलिस का सामाजिक सरोकार से जुड़ा ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले कोतवाली थानाधिकारी ने थाणा गांव में स्कूली छात्रा के घर पर बिजली नहीं होने से चिमनी में पढ़ाई करने की दुविधा सामने आने पर दो दिन में केलूपोश घर में बिजली कनेक्शन कराया. 

आसपुर थानाधिकारी ने कार्मिकों के बर्थ डे मनाने का नवाचार शुरू किया है. चितरी थानाधिकारी अजय सिंह राव ने एक अनाथ बेटी के हाथ पीले करवाने के साथ गर्मी में पशुओं को पानी पिलाने के लिए थाना क्षेत्र में पांच कुंड बनवाए. बस जरूरत है प्रदेश की अन्य पुलिस को भी वे डूंगरपुर पुलिस से प्रेरणा लेकर सामाजिक सरोकार से जुड़े मामलो में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाये. 

Trending news