राजस्थान चुनाव: राहुल गांधी ने उम्मीदवारों की लिस्ट को किया रिजेक्ट, कहा- दोबारा होमवर्क करें
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राजस्थान चुनाव: राहुल गांधी ने उम्मीदवारों की लिस्ट को किया रिजेक्ट, कहा- दोबारा होमवर्क करें

टिकटों को लेकर कांग्रेस की पहली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अविनाश पांडे की टीम से नाखुशी जाहिर करते हुए दोबारा होमवर्क करने को कहा है. 

राहुल गांधी ने सचिवों को दीपावली से पहले दोबारा होमवर्क करके रिपोर्ट देने को कहा है.

मनोहर विश्नोई/दिल्ली: राजस्थान की टिकटों को लेकर कांग्रेस की पहली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अविनाश पांडे की टीम से नाखुशी जाहिर करते हुए दोबारा होमवर्क करने को कहा है. राहुल गांधी ने प्रभारी सचिवों को लताड़ लगाते हुए कहा कि सचिवों की नियुक्ति पार्टी को जिताने के लिए की गई है न की शिकस्त दिलवाने के लिए. उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में खरे नहीं उतरने पर राहुल गांधी ने सचिवों को दीपावली से पहले दोबारा होमवर्क करके रिपोर्ट देने को कहा है. 

खबरों की मानें तो बैठक में उम्मीदवारों को लेकर राजस्थान की रिपोर्ट में और स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट में जमीन-आसमान का अंतर आने पर राहुल गांधी खफा हो गए. सीईसी में रखी गई करीब 90 नामों की सूची में युवा, महिला और साफ छवी के चेहरे अपेक्षाकृत कम होने से राहुल ने अधिकतर नाम वापल लौटा दिए और फिर से एक्सरसाइज करने के लिए कह दिया. 

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष ने विशेष तौर पर तरुण कुमार, देवेंद्र यादव और विवेक बंसल के काम काज पर से नाराजगी जताते हुए स्पष्ट तौर पर कह दिया कि 'आप लोगों को पार्टी को जिताने के लिए भेजा है ना की हरवाने के लिए' साथ ही राहुल गांधी ने प्रभारी महासचिव पांडे को दिए निर्देश देकर जमीनी रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है. इसके बाद पांडे ने सचिवों को दो टूक कहा कि उनका करियर बेदाग रहा है और वह किसी भी हालत में इसे दागदार नहीं होने देंगे इसलिए सभी सचिव फिर से फेयर वर्क करें.

बताया जा रहा है कि प्रभारी सचिवों ने बिना प्राथमिक जांच किये पुराने चेहरों को ही वापस उम्मीदवार बनाने की लिस्ट तैयार कर ली जो राहुल को नागवार लगी. सचिवों की ओर से दी गई रिपोर्ट में 70 से 80% उम्मीदवारो पर संगीन आपराधिक आरोप हैं. सबसे खराब रिपोर्ट सचिव तरुण कुमार की ओर से दी गई दावेदारों की सूची में रही. तरूण कुमार की रिपोर्ट में 60% से ज्यादा अपराधिक आरोपों से जुड़े उम्मीदवारों के नाम पाए गए जिसको लेकर राहुल गांधी बेहद नाराज नजर आए.

इसके साथ ही देवेन्द्र यादव की रिपोर्ट और स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट में जमीन आसमान का अंतर था .बताया जा रहा है कि देवेंद्र यादव ने स्वयं होमवर्क न कर अपने रिश्तेदार विधायक से काम करवाया था जो हकीकत से काफी दूर था लिहाजा राहुल गांधी को उनका प्रजेंटेशन संतोषजनक नहीं लगा. वहीं प्रभारी विवेक बंसल की भी कई शिकायतें राहुल के साथ साथ सोनिया गांधी और अशोक गहलोत तक पहुंची. 

हालांकि राहुल गांधी ने स्क्रीनिंग कमेटी कमेटी की रिसर्च पर संतुष्टि तो जगाई लेकिन साथ ही सख्त हिदायत दी कि किसी हाल में गंभीर अपराधों से जुड़े आरोपियों को टिकट से न नवाजा जाए. वहीं राहुल गांधी ने स्क्रीनिंग कमेटी को निर्देश दिया कि युवाओं और महिलाओं को टिकट में प्राथमिकता दी जाए. अब देखने वाली बात यह होगी कि राजस्थान में उम्मीदवार चयन के लिए राहुल की अपेक्षानुरूप सबकी सहमति से जीताउ चेहरे चुनावी रण में उतर पाते हैं या फिर मध्यप्रदेश की तरह पंचायती लंबी खिंचती है? 

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