राजस्थान पुलिस ने ग्लोक पिस्टल की खरीद के लिए राज्य सरकार से मांगी मंजूरी
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राजस्थान पुलिस ने ग्लोक पिस्टल की खरीद के लिए राज्य सरकार से मांगी मंजूरी

राज्य में कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात देखते हुए पुलिस अपने हथियारों के बेड़े में 75 नग सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल ग्लोक को शामिल करना चाहती है.

यह पिस्टल 1982 में आस्ट्रियाई सैन्य व पुलिस बल में आई थी.

विष्णु शर्मा, जयपुर: राजस्थान पुलिस में 75 विदेशी ग्लोक पिस्टल की खरीद नियमों में उलझकर रह गई है. पिस्टलों की कीमत महज 43 लाख 40 हजार रुपए है, लेकिन भुगतान विदेशी मुद्रा में लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए होना है, जबकि सरकारी नियमों में इसका कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में अब पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार से ग्लोक पिस्टल की खरीद के लिए लेखा नियमों में राहत देने की मंजूरी मांगी है.

राज्य में कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात देखते हुए पुलिस अपने हथियारों के बेड़े में 75 नग सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल ग्लोक को शामिल करना चाहती है. अचूक निशाने और वजन में हल्की ग्लोक पिस्टल के लिए पुलिस मुख्यालय ने गृहमंत्रालय को डिमांड भिजवाई. मंत्रालय ने पिस्टल के लिए सीआरपीएफ नई दिल्ली को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिख दिया.

सीआरपीएफ ने ग्लोक एशिया पैसिफिक लिमिटेड कम्पनी हॉन्गकोंग को पत्र लिखकर ग्लोक पिस्टल सप्लाई के आदेश दे दिए. फर्म ने 75 नग ग्लोक पिस्टल का भुगतान विदेश मुद्रा में साख पत्र यानी लेटर ऑफ क्रेडिट के माध्यम से करने का अनुरोध किया और इसके लिए फर्म ने 28 जनवरी 2019 को पत्र लिखा. बस यहीं ग्लोक पिस्टल खरीद का मामला अटक गया. दरअसल  सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियमों में विदेशी फर्म से सामान खरीद पर लेटर ऑफ क्रेडिट के आधार पर भुगतान का प्रावधान नहीं है.

राज्य सरकार के सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियमों के अनुसार सामान मशीनरी एवं अन्य उपकरण की खरीद के लिए सामान की लागत का 90 प्रतिशत तक भुगतान करने का अधिकार विभागाध्यक्ष को है. लेकिन साथ ही यह शर्त दी हुई है कि 100 प्रतिशत तक अग्रिम भुगतान माल भेजने का सबूत देने पर निरीक्षण के बाद किया जाएगा.  लेखा प्रावधान के अनुसार अग्रिम भुगतान भी उन्हीं निजी संस्थाओं व फर्मों को दिया जा सकेगा, जो लेखा नियम 67 के 1 के तहत बैंक के मार्फत माल भेजने का सबूत पेश करती है.

इस मामले में तो विदेशी फर्म है और ग्लोक पिस्टल का भुगतान विदेशी मुद्रा और लेटर ऑफ क्रेडिट के माध्यम से किया जाना है. साख पत्र के लिए बैंक से एफडीआर बनवाना जरूरी है.ऐसे में पीएचक्यू ने एसी बिलों के माध्यम से अग्रिम राशि निकालने की मंजूरी देने की मांग की है. अब देखना है कि सरकार अग्रिम आहरण की मंजूरी देती है या फिर मामला यूं ही अटका रहेगा.

वहीं इस ग्लोक पिस्टल की विशेषता की बात करें तो यह पिस्टल सेमी ऑटोमैटिक है. साथ ही पॉलीमर से बनने के कारण इसकी हल्की और आसान पकड़ है. वहीं ग्लोक से अचूक निशाना लगाया जाता है. यह पिस्टल 1982 में आस्ट्रियाई सैन्य व पुलिस बल में आई थी. वहीं पिस्टल से गोली चलने की रफ्तार 375 मीटर प्रति सैकंड है.

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