भरतपुर: विवाहिता की हत्या मामले में पुलिस की लापरवाही, 20 दिन बाद भी आरोपी गिरफ्त से बाहर
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भरतपुर: विवाहिता की हत्या मामले में पुलिस की लापरवाही, 20 दिन बाद भी आरोपी गिरफ्त से बाहर

मंत्री ने मामले में एसपी हैदरअली जैदी से फेक्चुअल रिपोर्ट मंगाते हुए दोषी जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने और 36 घंटों में आरोपियों की गिरफ्तारी करने के आदेश दिए हैं.

फाइल फोटो

भरतपुर: जिले में खाकी फिर एक बार निशाने पर आ गई है. इस बार आरोप नदबई थाना पुलिस पर लगा है. जिसमें एक विवाहिता की हत्या कर शव जलाने के मामले में पुलिस लापरवाही बरत रही है. आलम यह है कि विवाहिता की हत्या के 20 दिन बाद भी पुलिस ने किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं किया जबकि मृतक विवाहिता की 9 वर्षीय बेटी चीख चीख कह रही है कि उसकी मां को उसके चाचा-पापा, दादा-दादी ने मारा है. आखिर थक हारकर मृतक विवाहिता की बेटी ने भरतपुर विकास समिति के अध्य्क्ष अनुरुद्ध सिंह के सामने गुहार लगाई तो अनिरुद्ध सिंह ने पुलिस प्रशासन पर मामले में लापरवाही बरतने के आरोप लगाते हुए जिले के तीनों मंत्रियों पर ही सवाल खड़ा कर दिया है.

अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि मामले में घटना की चश्मदीद गवाह 9 वर्षीय बेटी से पुलिस ने नियम कायदों को ताक पर रखकर बजाय महिला अधिकारी के वर्दीधारी पुलिसकर्मियों ने पुछताछ की जो कि जुवेनाइल एक्ट का उलंघन है. यही नहीं भरतपुर विकास समिति ने मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर आंदोलन की धमकी दे डाली. इसके बाद मामला केबीनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के सज्ञान में आया तो उन्होंने घटना पर दुःख जताया और अपनी सवेंदना जाहिर करते हुए सीएम अशोक गहलोत को अवगत कराया. मंत्री ने मामले में एसपी हैदरअली जैदी से फेक्चुअल रिपोर्ट मंगाते हुए दोषी जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने और 36 घण्टे में आरोपियों की गिरफ्तारी करने के आदेश दिए हैं. मंत्री ने कहा है कि ऐसे मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.

मंत्री की डांट के बाद अब पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी पति को महज 3 घंटे बाद ही गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही मामले की जांच एसपी ने महिला अधिकारी को सौंप दी. ऐसे में सवाल यह है कि हर बार पुलिस शोर मचाने के बाद ही नींद से क्यों जगती है?

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