MLA Report Card:विधायक इंन्दिरा मीना का अपने विधानसभा क्षेत्र बामनवास में रिपोर्ट कार्ड क्या कहता है ?
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MLA Report Card:विधायक इंन्दिरा मीना का अपने विधानसभा क्षेत्र बामनवास में रिपोर्ट कार्ड क्या कहता है ?

क्षेत्रीय विधायक ने किन मुद्दों पर चुनाव लडा,कितने वादे पूरे हुए और कौनसे वादों को लेकर जनता की आशायें बनी हुई हैं यही रिपोर्ट कार्ड में सामने आया है.

 

 लेकिन विधायक इन्दिरा मीना अपने वादों को लेकर कितनी गंभीर रहीं

आशीष मित्तल के साथ अरविंद चौहान, सवाईमाधोपुर: विधानसभा क्षेत्र बामनवास(Assembly Constituency Bamnwas) दो उपखंड क्षेत्रों में बंटा हुआ है एक उपखंड बामनवास व दूसरा उपखंड बौंली.विधानसभा सीट एसटी वर्ग के लिए आरक्षित (Reserved for ST class)है.विधानसभा क्षेत्र बनाए जाने के बाद अधिकांशत विधायक पद पर बामनवास क्षेत्र का ही दबदबा रहा.2018 के विधानसभा चुनाव(2018 assembly elections)में कांग्रेस द्वारा लंबे अरसे के बाद बौंली क्षेत्र में टिकिट दिया गया.बामनवास विधानसभा क्षेत्र से पहली बार कोई महिला विधायक बनी.विधायक इन्दिरा मीना ने त्रिकोणीय संघर्ष(Triangular conflict) में भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक पुत्र राजेन्द्र मीना व कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक नवल किशोर मीना को करारी शिकस्त देकर एतिहासिक जीत दर्ज की.

31 अक्टूबर को महज 32 वर्ष के पायदान पर पहुंची क्षेत्र की यूवा विधायक इन्दिरा मीना ने चुनाव के दौरान घोषणापत्र में बिजली-पानी-सडक-स्वास्थ्य व रोजगार सहित गौशाला व पर्यटन विकास जैसे कई वादे किए थे. लेकिन विधायक इन्दिरा मीना अपने वादों को लेकर कितनी गंभीर रहीं और धरातल पर उन वादों की वास्तविक स्थिति क्या है ये देखने वाली बात है ।सबसे पहले बात करें शिक्षा की तो लगभग दस महीने के कार्यकाल में विधायक इन्दिरा मीना ने बहुत बड़ी सौगात बौंली को दी है.बौंली मे जनरल महाविद्यालय की घोषणा के बाद इसी शैक्षणिक वर्ष में कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी गई.संस्कृत शिक्षा की बात करें तो राजस्थान सरकार द्वारा इस वर्ष महज एक शास्त्री कॉलेज को आचार्य में क्रमोन्नत किया गया.विधायक के प्रयासों से बीस वर्ष से चली आ रही बौंली की यह मांग पूरी हुई और क्षेत्र के विद्यार्थियों को आचार्य महाविद्यालय की सौगात मिली.दोनों ही सौगात यूं तो बहुत बड़ी हैं लेकिन भवन निर्माण व स्टाफ प्रबंधन के बाद ही धरातल पर वास्तविक सफलता का आंकलन संभव है.विधायक के समक्ष आईटीआई कॉलेज व महिला महाविद्यालय की घोषणा करवाना भी चुनौतीपूर्ण होगा.
बिजली के लिए किए वादों पर विधायक इन्दिरा मीना ने 21 करोड़ की जीएसएस की सौगात बौंली क्षेत्र को दी है.स्वास्थ्य की बात करें तो सीएचसी पर बैड बढ़ाने को लेकर विधायक ने विशेष प्रयास किए हैं लेकिन आमजन की माने तो चिकित्सकीय स्टाफ व विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी क्षेत्र के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है.पेयजल के लिए किए वादों पर पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बौंली को 19 करोड रूपये की बीसलपुर पेयजल योजना की सौगात दी गयी थी.लेकिन कस्बा में वर्तमान में भी तीन दिन मे एक दिन आपूर्ति की जा रही है.बामनवास में स्थिती ज्यादा दयनीय है.हालांकि विधायक द्वारा 3500 करोड की ईसरदा डेम परियोजना से बामनवास व बौंली को जोड़कर समस्या का स्थायी समाधान करने के प्रयास किए जा रहे हैं.एक दिन के अन्तराल में आपूर्ति को लेकर विधायक ने जलदाय विभाग को निर्देश दिए हैं
सडकों की बात करें तो बामनवास व बौंली की सड़के काफी क्षतिग्रस्त हैं.बीसलपुर पेयजल लाइन बिछाने के बाद मुख्य कस्बा बौंली की 11 किमी सड़क पूरी तरह गड्डों मे तब्दील हो चुकी हैं.विधायक इन्दिरा मीना ने कम समय में 34 सडकें पास करवाई हैं.जिन पर कार्य शुरू किया जाना है.कस्बा की सडकों को लेकर भी विधायक द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.मूलभूत घोषणाओं के बामनवास मे हर वर्ष भूख-प्यास से सैंकडो गौवंश की मौत व बौंली में आवारा भटक रही 500 गायों की समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सका.विधायक द्वारा पशुपालन विभाग से 13 लाख व निजी रूप से 2 लाख रूपए की व्यवस्था गौवंश के चारा पानी के लिए की गयी है.बौंली मे डिप्टी कार्यालय खोलने को लेकर भी विधायक द्वारा प्रस्ताव भेजा जा चुका है.
घोषणाओं के अतिरिक्त विकास की बात की जाये तो बौंली के मुख्य निवाई रोड पर डिवाइडर बनाना नितांत आवश्यक है.वर्तमान में कस्बा के मुख्य रोड पर दिनभर जाम के हालात बने रहते हैं.पर्यटन के क्षेत्र मे बामनवास का नाम दार्शनिक पटल पर अदृश्य प्रतीत होता है एसे में बौंली का जयगढ़ यदि पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो तो क्षेत्र की रोजगार की समस्या का भी स्थायी समाधान हो सकता है.

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