भीलवाड़ा: साल-दर-साल भीलवाड़ा शहर की हवा जहरीली होती जा रही है. धीरे धीरे यह हवा अब सांस लेने लायक नहीं रही. यह स्थिति बादलों के छाए रहने वाले धुएं की अत्यधिक मात्रा के कारण हुई है. आसमान में दिनभर धुंए की धुंध बनी रहने के कारण हवा में उड़ने वाले कण एक स्थान पर टिक गए हैं. पिछले पांच वर्षों में हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा दोगुनी से भी अधिक बढ़ गई है. हालात यह है कि प्रदूषण से पैदा धुंध सूर्योदय भी समय पर नहीं होने देती. सुबह की धुंध लोगों को सांस की तकलीफ दे रही है. स्थिति यही बनी रही तो प्रदूषण उस खतरनाक स्तर तक पहुंच सकता है जो नियंत्रण के बाहर हो जाएगी. स्थानिय निकायों और प्रशासनिक जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते दिल्ली जैसे हालात भीलवाड़ा के नहीं बन जाएं.
भीलवाड़ा शहर के हालात यह है कि नगर परिषद के कर्मी खुद ही अधिकारियों के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए बेखोफ होकर शहर के वातावरण की दूषित करने में लगे हैं. शहर के हर प्रमुख चौराहे, गली मोहल्ले से लेकर कचरा संग्रहण स्थल तक ऐसे नजारे दिखाई देना सामान्य बात हो गई है. प्रभावी अंकुश की कमी से अल सुबह शहर के कई स्थानो पर एकत्रित कचरे को सफाईकर्मियों द्वारा आग लगा दी जाती है. जिसके चलते अपनी सेहत की ताजगी के लिए मॉर्निंग वॉक के लिए जाने वाले शहरवासियो को धुंए के प्रदूषण से रुबरु होना पड़ता है.
आए दिन इस तरह के हालात शहर की हवा को जहरीला करने में लगे हैं, लेकिन जिम्मेदार जान कर भी अनजान बने हुए हैं. जमा कचरे के ढेर से घंटो तक उठता धुंआ और बदबूदार माहौल से लोगों को मौजूदा वक्त में तो परेशानी का सामना करना ही पड़ रहा है लेकिन इसका हमारे पर्यावरण पर कितना गहरा प्रभाव पड़ रहा है, इसकी किसी को चिंता नही है.
आश्चर्य की बात तो यह है कि सकून और सेहत की तरोताजगी के लिए बने स्थल भी इससे अछूते नहीं है. शहर में नेहरू तलाई में अल सवेरे से ही उठता लापरवाही का यह धुंआ मॉर्निंग वॉक करते लोगो को ही नहीं तालाब में जलीय जीवों पर भी बुरा प्रभाव डालता है. तालाब की पाल पर लगे कचरे के ढेर और उसमें लगी आग काफी भयानक होती जा रही है. सब कुछ जानकर भी जिम्मेदार मूक दर्शक बने हुए हैं. हालांकि, पूर्व में कई बार प्रशासन द्वारा सफाई कर्मियों को इसके लिए पाबंद भी किया गया है पर प्रभावी मोनेटरिंग के अभाव में कुछ समय बाद ही सफाई कर्मचारी आदेशो को हवा कर शहर के वातावरण की दूषित करने में जुट जाते हैं.