भीलवाड़ा: जिला प्रशासन के सरकारी कर्मचारियों के लिए हेलमेट और सीट बेल्ट अनिवार्य करने के बाद आज प्रशासन सख्त नजर आया. जिला प्रशासन ने ये सख्ती अपने घर यानी कलेक्ट्रेट (Collectorate) से ही शुरू की. चेकिंग के दौरान एसडीएम टीना डाबी भी कलेक्ट्रेट (Collectorate) में बिना हेलमेट और सीट बेल्ट पाई गईं.
अतिरिक्त जिला कलेक्टर (शहर) नरेंद्र जैन ने खुद ही मोर्चा संभाल लिया. एडीएम के साथ जिला परिवहन अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह राठौड़ भी अपनी टीम के साथ कलेक्ट्रेट (Collectorate) के मुख्य गेट पर डले रहे. सुबह 9.30 बजे कार्रवाई शुरू की गई.
प्रशासन की टीम ने हेलमेट और सीट बेल्ट के बिना कलेक्ट्रेट (Collectorate) परिसर में कर्मचारियों और अधिकारियों के नजर आने पर उन्हें रोकना शुरू किया. इस दौरान एडीएम सिटी ने एएसपी, एसडीएम, डिप्टी एसपी, तहसीलदार के भी वाहनों को रोक लिया. चालक से वाहनों के कागजात मांगे. साथ ही बेल्ट लगाने की सीख भी सभी सवारों को दी. कुछ अधिकारियों ने टीम की तत्परता की तारीफ की तो कुछ एक ने चुटकी लेते हुए कलेक्टर को इसकी शिकायत की बात भी कही.
बिना हेलमेट वाले लोग किए गए वापस
टीम ने हेलमेट के बिना दिखे कई अधिकारियों और कर्मचारियों को घर के लिए वापस कर दिया. एसडीएम टीना डाबी भी कलेक्ट्रेट (Collectorate) में बिना हेलमेट और सीट बेल्ट नजर आईं. एडीएम सिटी की टीम की कार्रवाई से कलेक्ट्रेट (Collectorate) में खलबली मची रही.
जिले में नागरिक सुरक्षा के लिए जिला मजिस्ट्रेट ने सरकारी कार्मिकों के लिए 17 नवंबर 2019 से हेलमेट और सीट बेल्ट अनिवार्य किया है. इस संदर्भ में शुक्रवार को जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर राजेंद्र भट्ट की ओर से आदेश जारी किए गए थे. आदेश में कहा गया कि मोटर अधिनियम के प्रावधानों को प्रथम दृष्टया जिले के हर राजकीय, अर्द्ध राजकीय कार्यालयों, संस्थाओं और उपक्रमों में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए दुपहिया वाहनों के उपयोग के दौरान हेलमेट और चौपहिया वाहनों के उपयोग के दौरान अनिवार्य कर दिया गया है. हालांकि इससे पहले सड़क सुरक्षा को लेकर पिछले महीने ही आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भी सरकारी कार्मिकों को हेलमेट पहनने और सीट बेल्ट लगाने के निर्देश दिए गए थे.
Edited by : Ashish Chaubey, News Desk
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