भीलवाड़ा में विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की समीक्षा बैठक का हुआ आयोजन
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भीलवाड़ा में विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की समीक्षा बैठक का हुआ आयोजन

जिला विकास समन्वय एवं निगरानी (दिशा) समिति की समीक्षा बैठक माननीय सांसद सुभाष चन्द्र बहेड़िया की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला परिषद सभागार कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित की गई.

भीलवाड़ा में विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की समीक्षा बैठक का हुआ आयोजन

Bhilwara: जिला विकास समन्वय एवं निगरानी (दिशा) समिति की समीक्षा बैठक माननीय सांसद सुभाष चन्द्र बहेड़िया की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला परिषद सभागार कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित की गई.

बैठक में ग्रामीण विकास विभाग भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की वित्तीय वर्ष 2022-23 की माह मई-2022 तक की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा की गई. बैठक में सांसद सुभाष चन्द्र बहेड़िया ने योजनाओं को समय पर पूर्ण कराए जाने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया. साथ ही योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के संबंध में संबंधित क्षेत्र के स्थानीय जनप्रतिनिधि को भी उसकी जानकारी दिए जाने को कहा ताकि कार्य गुणवत्तायुक्त हो सके. बैठक में शाहपुरा विधायक कैलाश मेघवाल, जिला कलक्टर आशीष मोदी, जिला प्रमुख श्रीमति बरजी बाई, नगर परिषद सभापति राकेश पाठक एवं विभिन्न जिला परिषद सदस्य, प्रधान और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. जिला कलक्टर आशीष मोदी ने बैठक में जानकारी दी कि भीलवाड़ा पहला ऐसा जिला है जहां 100 प्रतिशत महिला मैट नियुक्त की गई है. उन्होंने कहा कि नरेगा में ज्यादातर महिला श्रमिक होने से औरते महिला मेट के समक्ष सहज होती है, साथ ही उन्होंने इसे महिला सशक्तिकरण के लिए उठाया गया अच्छा कदम बताया.

शाहपुरा विधायक कैलाश मेघवाल ने जिले के विशेष योग्यजन की ब्लॉकवार सूची बनाकर उनको राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार से मिलने वाली विभिन्न योजनाओं के लाभ पहुंचाने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया.

इस दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहर/ग्रामीण) स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, एकीकृत जलग्रहण प्रबंधन कार्यक्रम, डिजिटल भारत भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना, उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंश योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, समग्र शिक्षा अभियान, समेकित बाल विकास सेवाएं द मिड डे मील कार्यक्रम, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना बीपीएल परिवारों के लिए गैस कनेक्शन, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, डिजिटल इण्डिया पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामान्य सेवा केन्द्र उपलब्ध कराना एवं राजस्थान शहरी आधारभूत विकास योजना एवं अन्य विषयों पर चर्चा हुई.

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बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शिल्पा सिंह ने महात्मा गांधी नरेगा योजना की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 5 लाख 70 हजार परिवारो को जॉबकार्ड जारी किए जा चुके है. जिनमें 97 हजार अनुसूचित जनजाति व 62 हजार अनुसूचित जाति के जॉबकार्ड है. जिले में वर्तमान में 2 लाख से अधिक श्रमिक, महात्मा गांधी नरेगा के 11 हजार कार्यों पर नियोजित है. जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 में लेबर बजट अनुसार के लक्ष्य 191.02 लाख मानव दिवस सृजन के विरूद्ध 250.46 लाख मानव दिवस सृजन किए गए है, जो कि लक्ष्य का 131.12 प्रतिशत हैं.

रायपुर सरपंच ने बैठक में क्षेत्र में जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्यों में देरी की वजह से पेयजल नही पहुंच पाने की समस्या रखी. जिला कलक्टर ने इस संबंध में जलदाय विभाग के अधिकारी को इसे जल्द पूर्ण करवाने के निर्देश दियें. जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शिल्पा सिंह ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा असंगठित कामगारों को वृद्धावस्था सुरक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना प्रारम्भ की गयी है.

योजना की क्रियान्विति भारतीय जीवन बीमा निगम एवं सी.एस.सी. ई-गर्वनेन्स सर्विसेज इण्डिया लिमिटेड के माध्यम से की जायेगी. इसके लिए पंजीयन पात्रता श्रमिक की आय 15,000/- रुपये प्रतिमाह अथवा कम है तथा श्रमिक की आयु 18-40 वर्ष है. योजना के अन्तर्गत 18 से 40 वर्ष की आयु के मध्य देय मासिक अंशदान आयु के अनुसार 55/- रूपये से 200/- रुपये तक है. योजना के अन्तर्गत श्रमिक द्वारा उसकी आयु के अनुसार जितनी अंशदान राशि का भुगतान किया जायेगा उतनी ही अंशदान राशि का भुगतान भारत सरकार द्वारा किया जायेगा.

श्रमिक द्वारा 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के पश्चात न्यूनतम 3000/- रुपये प्रतिमाह के अनुसार पेंशन देय होगी. श्रमिक की मृत्यु की स्थिति में उसके पति/पत्नी को 50 प्रतिशत पारिवारिक पेन्शन देय होगी. नामांकित व्यक्ति/नोमिनी हिताधिकारी व जीवनसाथी की मृत्यु के बाद हिताधिकारी के योगदान को (ब्याज सहित) वापस ले सकता है. योजना में पंजीयन हेतु कोई शुल्क देय नहीं है. बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, जिले के विकास अधिकारी मौजूद रहे.

REPORTING-DILSHAD KHAN

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