श्री कृष्ण के बाल लीलाओं के बारे में बताते हुए कथापंडित पवन शास्त्री जी महाराज ने कहा कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को ये शिक्षा दी कि दंभ और अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और ये धनसंपदा क्षणभंगुर होती है.
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Shahpura: भीलवाड़ा के शाहपुरा के रायला ईरांस में चारभुजा मंदिर में श्रीमदभागवत कथा का आयोजन हुआ. कथा को सुनने के लिए भारी संख्या में ग्रामीण पहुंचे. कथापंडित पवन शास्त्री जी महाराज ने श्री कृष्ण के बाल रूप का वर्णन किया.
श्री कृष्ण के बाल लीलाओं के बारे में बताते हुए कथापंडित पवन शास्त्री जी महाराज ने कहा कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को ये शिक्षा दी कि दंभ और अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और ये धनसंपदा क्षणभंगुर होती है.
कथा के दौरान वामन अवतार की झांकी दिखाई गई और तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत, भर दे रे, झोली पर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे. आज श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्रीकृष्ण के जन्म का वर्णन किया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण के जन्म पर झूमते हुए खुशियां मनाई.
कथापंडित पवन शास्त्री जी महाराज ने श्रीकृष्ण लीला का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे भगवान बाल रूप में माखन की चोरी करते थे और मां यशोदा के बार-बार समझाने पर नहीं मानते थे. ऐसे में मां यशोदा ने भगवान को रस्सी से बांधना चाहा लेकिन भगवान को कौन बांध सकता है, भगवान मां की दयनीय दशा को देखते हुए स्वयं बंध जाते हैं. इसलिए भगवान को ना धन, ना पद और ना ही प्रतिष्ठा से बांधा सकता है, भगवान तो प्रेम से बंध जाते हैं.
इस मौके पर मिठाई, खिलौने और टॉफी का वितरण भक्तों के बीच किया गया. कथा के बाद माखन चोरी और मटकी फोड़ कार्यकम का भी आयोजन किया गया. जिसमें स्थानीय युवाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. वही श्री कृष्ण का बाल रुप, ग्वाले और कंस बने लोगों ने जमकर डांस भी किया.
रिपोर्टर- दिलशाद खान
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