राजगढ़ से डोकवा जाने वाले रास्ते पर 10-15 घरों की बस्ती वाले गांव झाझड़िया की ढाणी में लोगों ने मिठाई खिलाकर कर खुशी मनाई.
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Churu: जिले की सादुलपुर तहसील के झाझड़िया की ढाणी के देवेंद्र झाझड़िया (Devendra Jhajharia) ने टोक्यो पैरा ओलंपिक 2020 (Tokyo Para Olympics 2020) में लगातार तीसरी बार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. देवेंद्र झाझरिया ने भले ही स्वर्ण पदक ना जीता हो लेकिन 40 वर्ष की उम्र में सिल्वर मेडल जीतकर देश की झोली में डालकर देश का नाम ही नहीं रोशन किया बल्कि विश्व में तिरंगा फहराया है.
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राजगढ़ से डोकवा जाने वाले रास्ते पर 10-15 घरों की बस्ती वाले गांव झाझड़िया की ढाणी में लोगों ने मिठाई खिलाकर कर खुशी मनाई. वहीं, उनके गांव में महिलाओं ने मंगल गीत गाकर अपनी खुशी का इजहार किया.
भारत का नाम रोशन कर रहा है
इसके अलावा गांव के लोगों ने जमकर आतिशबाजी की और मिठाई वितरण कर खुशी मनाई गई. ग्रामीणों का कहना है कि देश के लिए रजत पदक जीतने वाले देश का नाम रोशन करने वाला देवेंद्र झाझड़िया का गांव आज भी सड़क से वंचित है. ग्रामीणों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि देश का कोहिनूर लगातार पदक जीतकर भारत का नाम रोशन कर रहा है, जबकि उसका गांव आज तक सड़क से नहीं जुड़ा है.
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भतीजी ने किया खुशी का इजहार
ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) से गांव को सड़क से जोड़ने की मांग की है. वहीं देवेंद्र के भाई जोगिंदर सिंह ने बताया कि लगातार पैरा ओलंपिक खेलों में दो बार स्वर्ण पदक जीतने वाले देवेंद्र झाझड़िया इस बार रजत पदक जीता है और यह खुशी उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है लगातार 7 घंटे तक अभ्यास करने और देश के तिरंगे को विश्व में फहराने के सपने को साकार किया है. साथ हीं, देवेंद्र की भतीजी ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि हमें भी चाचा के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए.