राजस्थान का वो मंदिर जहां होती है गधे की पूजा,जानिए क्या है मान्यता
Bikaner News:क्या आपने कभी गधे की पूजा होते देखी है. ये पूजा की बात आपको हैरान कर रही होगी, लेकिन हम आज आपको एक ऐसा द्रश्य बतावने जा रहे है. जो आपको हैरान नहीं बल्कि ये सोचने पर मजबूर करेगा की क्या देश के किसी कोने में गधे जैसे प्राणी को एक ऐसा दिन आता है जब पूजा जाता है.
Bikaner News:क्या आपने कभी गधे की पूजा होते देखी है. ये पूजा की बात आपको हैरान कर रही होगी, लेकिन हम आज आपको एक ऐसा द्रश्य बतावने जा रहे है. जो आपको हैरान नहीं बल्कि ये सोचने पर मजबूर करेगा की क्या देश के किसी कोने में गधे जैसे प्राणी को एक ऐसा दिन आता है जब पूजा जाता है.जी हां, वो दिन आज का दिन यानी शीतलाअष्ठमी का दिन है.जब राजस्थान में माता शीतला की पूजा होती है और उसके साथ ही माता शीतला की सवारी यानी गधे की पूजा का महत्व और बढ़ जाता है.
ये नज़ारा है बीकानेर के शीतला गेट इलाके के माता शीतला मंदिर का जहां आज के दिन सैकड़ों की संख्या में लोग माता शीतला की पूजा अर्चना करने पहुंचते है और साथ ही माता के जयकारो के साथ माँ की आरती कीजाती है .
वहीं माँ की मूर्ति पर पानी डाला जाता है और फिर शुरू होता है माँ की सवारी यानी गधे की पूजा का सिलसिला.जहां गधे की पूजा की जाती है. गधे के तिलक लगाया जाता है और गधे को विशेष भोग लगाया लगाया जाता है.अगर देखा जाए तो आज का दिन एक विशेष दिन है, जो यहाँ की लोगो की आस्था से जूड़ा हुआ है. ऐसी मान्यता है की ऐसी पूजा अर्चना से कई बीमारियो से छुटकारा मिलता है. वही आज का दिन पुरे राजस्थान में विशेष माना जाता है यहाँ महिलाये एक दिन पहले विशेष खाना बनाती है और माता और इसकी सवारी को इसका भोग लगाकर फिर उसका सेवन करती है.
आज का दिन गंधों के लिए भी विशेष है क्यूँकि सारी दुनिया का बोझा उठाने वाले इस जानवर को सभी न केवल पूजा जाता है बल्कि माथे पर तिलक लगाकर इसे कई तरह के व्यंजनो का भोग भी लगाया जाता है. वहीं श्रद्धालुओ का कहना है की ये सैकड़ों साल पुरानी परम्परा है जिसका निर्वहन यह किया जा रहा है ओर लोगों की आस्था का प्रतीक के तौर पर गधे को पूजा जाता है.
देश में आस्था ओर विश्वास के इस दौर में इन बेज़ुबानो की आस्था के ज़रिए पूजा ओर उनका महत्व कही न कही बेज़ुबान जानवरो के प्रति प्यार की भावना बढ़ाता दिखाई देता है.
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