Bari Sadri News: बड़ीसादड़ी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन निर्मल पितलिया को लेकर राज्य सरकार ने न्यायिक जांच का फैसला दिया है, इससे पहले सितंबर महीने में न्यायिक जांच में वे पितलियां रिश्वत के मामले में दोषी पाए गए थे. उनके मकान में पिस्तौल और जिंदा कारतूस भी मिला था, इसके बाद राजस्थान सरकार स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक और विशिष्ट सचिव हृदेश कुमार शर्मा ने निर्मल पितलिया को 6 साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था. अब नगर पालिका का वार्ड संख्या 7 खाली हो गया है, जहां सरकार उप चुनाव करवा सकती है. बता दें कि सरकार ने पूर्व चेयरमैन को 2021 में ही बर्खास्त कर दिया था.


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राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग की ओर से एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें बताया कि नगर पालिका बड़ीसादड़ी के पूर्व चेयरमैन निर्मल पितलिया की ओर से रिश्वत लेने पर प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (3) के अंतर्गत मामले की न्यायिक जांच करवाई गई थी. न्यायिक जांच अधिकारी ने 30 सितंबर 2022 को निर्मल पिपलिया को दोषी माना, इसीलिए निदेशक और विशिष्ट सचिव हृदेश कुमार शर्मा ने जनवरी 2023 में फैसला लेते हुए न्यायिक जांच रिजल्ट 30 सितंबर 2022 से आगामी 6 साल के लिए निर्मल पितलिया को अयोग्य घोषित कर दिया. निर्मल पितलिया बड़ीसादड़ी के वार्ड संख्या 7 से जीते हुए पार्षद थे, जिसके चलते अब यह वार्ड पूरी तरह से खाली हो गया, जिसके चलते सरकार जल्दी ही इस वार्ड के लिए उपचुनाव करवा सकती है.


उदयपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने साल 2021 के 25 मई को बड़ीसादड़ी नगर पालिकाध्यक्ष निर्मल पितलिया के साले कुश शर्मा को बैंक में चेक से रिश्वत की राशि लेते पकड़ा था. भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले ठेकेदार विष्णु व्यास की फर्म से चेयरमैन ने रिश्वत के 2 लाख का चेक लिया था. इसे कैश करवाने के लिए चेयरमैन ने अपने साले को बैंक भेजा था, लेकिन वहां पहले से मौजूद एसीबी टीम ने कुश शर्मा को रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार कर लिया था.


साथ ही एसीबी कार्रवाई की भनक लगते ही निर्मल पितलिया अपने घर से फरार हो गया था. टीम ने पितलिया की गिरफ्तारी के लिए उसके घर पर दबिश दी थी, लेकिन वह फरार हो गया था. मकान की तलाशी के दौरान एसीबी को पिस्तौल और जिंदा कारतूस मिले थे. पिस्तौल के बारे में परिजनों से पूछताछ करने पर लायसेंसी होना बताया था, लेकिन लायसेंस मांगने पर नहीं दिखाया गया. करीब एक सप्ताह बाद बड़ीसादड़ी पुलिस ने एसीबी के निर्देश पर आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज कर लिया था. इसके बाद से ही एसीबी टीम और स्थानीय पुलिस को पितलिया की तलाश थी. राज्य सरकार ने कार्रवाई के 41 दिन बाद पितलिया को बर्खास्त कर दिया. करीब 6 महीने बाद फरार आरोपी निर्मल पितलिया ने अपने आप को कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया और अभी निर्मल पितलिया जमानत पर बाहर है.


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