धनेश्वर महादेव की पहली बार निकली शाही सवारी, उमड़ा जनसैलाब
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धनेश्वर महादेव की पहली बार निकली शाही सवारी, उमड़ा जनसैलाब

श्रावण महीने के अंतिम सोमवार पर पहली बार शाही सवारी के साथ धनेश्वर महादेव कस्बे में हजारों श्रृद्धालुओं की उपस्थिति में पहुंचे तो श्रद्धालुओं ने पलक पावडे बिछा कर उनकी अगवानी की. श्रद्धा से नतमस्तक हुए भदेसर के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी शोभा यात्रा देखी गई.

धनेश्वर महादेव की पहली बार निकली शाही सवारी, उमड़ा जनसैलाब

Sanwaliya: श्रावण महीने के अंतिम सोमवार पर पहली बार शाही सवारी के साथ धनेश्वर महादेव कस्बे में हजारों श्रृद्धालुओं की उपस्थिति में पहुंचे तो श्रद्धालुओं ने पलक पावडे बिछा कर उनकी अगवानी की. श्रद्धा से नतमस्तक हुए भदेसर के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी शोभा यात्रा देखी गई. जानकारी के अनुसार धनेश्वर महादेव के शिव भक्त मंडली इस श्रावण मास में भी श्रद्धा और भक्ति कार्यक्रम के नए-नए आयाम स्थापित करने के क्रम में पिछले लंबे समय से क्षेत्र की युवा भक्त मंडली उज्जैन महाकालेश्वर की तर्ज पर भगवान धनेश्वर महादेव की शाही सवारी निकालने की योजना बनाई थी.

इस योजना को श्रावण महीने के अंतिम सोमवार को मूर्त रूप देते हुए प्रातः 11:30 महाआरती का आयोजन किया गया. एक घंटे चली महाआरती मे 51 दीपक की सामूहिक आरती की गई. इस आरती में उपस्थित सैकड़ों श्रद्धालु श्रद्धा से झूम उठे. आरती समाप्ति होते ही भगवान शिव की छप्पन भोग की झांकी सजाई गई. दोपहर 2:00 बजे बाद धनेश्वर महादेव में ही भगवान भोलेनाथ की बग्गी सजाई गई और पालकी तैयार की गई.

विधि विधान के साथ पुजारी शिवगिरी और उसके परिवार जनों ने पालकी में पार्थिव शिवलिंग और बग्गी में भगवान धनेश्वर महादेव की छाया प्रति स्थापित कर ढोल नगाड़ों के साथ यह सवारी यहां से रवाना होकर पुजारी परिवार के गांव अमरपुरा पहुंची. यहां पर श्रद्धालुओं ने भगवान की अगवानी में कोई कसर नहीं छोड़ी, यह पालकी यात्रा जिसमें श्रद्धालु पालकी को कंधों पर उठाए हुए और बग्गी में विराजित धनेश्वर महादेव की छाया प्रतिमा पर पुजारी परिवार के कैलाश गिरी, अनिल और विकास गिरी चंवर दुलारते हुए चल रहे थे. 

यात्रा गांगागुढा होती हुई भदेसर के भेरुजी बस स्टैंड पर पहुंची तो यहां उपस्थित सैकड़ों की संख्या में सर्व समाज की महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने जयकारों के साथ शाही सवारी की आगवानी की. यहां पर भेरुजी चौक में पहुंचने पर शाही सवारी की यात्रा प्रारंभ हुई. इस यात्रा में महिलाएं मंगल कलश लिए हुए चल रही थी. वहीं बैंड के दो समूह और दो मंसूरी ढोल के भी दो समूह पर श्रद्धालु नाचते हुए चल रहे थे. इस शाही सवारी में भगवान शिव के भक्त बड़े डमरु बजाते नाचते हुए चल रहे थे. शाही सवारी में सजे धजे अश्व, ऊंट और झांकियां आकर्षण का केंद्र थी. सवारी के अंतिम छोर में बड़ीसादड़ी गोपाल सत्संग आश्रम के सुदर्शनाचार्य जी महाराज विराजित थे. इनके सानिध्य पाने के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे. यह शाही सवारी रावला चौक मुख्य बाजार जैन स्थानक होते हुए भेरुजी बस स्टैंड पहुंची. यहां से पुनः भेरुजी बस स्टैंड होते हुए धनेश्वर महादेव के लिए रवाना हुई.

ऐतिहासिक यात्रा
भदेसर कस्बे में पहली बार धार्मिक आयोजन में इतनी संख्या में लोग सम्मिलित हुए विशेष रुप से युवाओं का उत्साह काफी देखा गया. जो धर्म के प्रति युवाओं के बदलाव का प्रतीक के रूप में देखा गया है. हालांकि इस शोभायात्रा में भदेसर ही नहीं आसपास के गांवों और दूर दराज गांव से भी लोग पहुंचे. इसका एक छोर भेरुजी बस स्टैंड पर तो दूसरा छोर रावला चौक से आगे था. इससे यात्रा में रावला चौक में विधायक चंद्रभान सिंह भी सम्मिलित हुए.

राष्ट्रीयता की झलक इस शाही सवारी में अशोक पर भारत माता की वस्त्र धारण किए राष्ट्रीय ध्वज हाथ में लिए एक युवती सवार्थी साथ ही घर-घर तिरंगा अभियान का संदेश देते तिरंगे झंडे भी इस शाही सवारी में सम्मिलित थी युवा राष्ट्रभक्ति के जयकारे भी लगा रहे थे.

स्वागत में उमड़ा भदेसर कस्बा
शाही सवारी के स्वागत के लिए सभी सनातनधर्मी और हिंदू समाज के लोग स्वयं उपस्थित होकर यात्रा में सम्मिलित श्रद्धालुओं की स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी. पूरे भदेसर कस्बे में और धनेश्वर महादेव तक 3 किलोमीटर तक 100 से ज्यादा स्वागत द्वार बनाए गए. हर गली मोहल्ले में श्रद्धालुओं के लिए जलपान नाश्ते की व्यवस्था की.

Reporter- Deepak Vyas

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